इजरायल-हमास संघर्ष पर चर्चा के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मुंबई में हुए भयानक 26/11 आतंकवादी हमले का जिक्र किया। ब्लिंकन ने इजरायल में हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले और 2611 हमले के बीच समानता बताई और कहा कि यह दोनों हमले एक जैसे थे। मिडिल ईस्ट की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठक में बोलते हुए ब्लिंकन ने कहा कि आतंक के सभी काम गैरकानूनी और अनुचित हैं चाहे वे नैरोबी या बाली, इस्तांबुल या मुंबई, न्यूयॉर्क या किबुत्ज़ में हुए हों या इजरायल में हुए हों।
एंटनी ब्लिंकन ने किसी भी देश का नाम लिए बिना सुरक्षा परिषद से आतंकवादी समूहों को हथियार देने, आर्थिक सहायता करने वाले सदस्य देशों की निंदा करने का भी आह्वान किया। ब्लिंकन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया, “हमें किसी भी राष्ट्र के अपनी रक्षा करने और ऐसी भयावहता को दोहराने से रोकने के अधिकार की पुष्टि करनी चाहिए। इस परिषद का कोई भी सदस्य, इस पूरे निकाय में कोई भी राष्ट्र अपने लोगों का मारा जाना बर्दाश्त नहीं कर सकता है।” ब्लिंकन दुनिया के कुछ सबसे बड़े शहरों को निशाना बनाकर किए गए पिछले कुछ आतंकी हमलों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किया गया 26/11 का मुंबई आतंकी हमला भी शामिल है।
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे, जिसमें 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से अधिक समय तक घेराबंदी की थी, भारत के वित्तीय केंद्र पर हमला किया और लोगों की हत्या कर दी थी।
ब्लिंकन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह नहीं भूलना चाहिए कि 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमला करके हमास ने जिन 1,400 से अधिक लोगों को मार डाला, उनमें 30 से अधिक संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के नागरिक थे, जिनमें हॉर्सशू यूएनएससी टेबल के आसपास के कई सदस्य भी शामिल थे। पीड़ितों में कम से कम 33 अमेरिकी नागरिक शामिल थे। हालांकि अब इजरायल के हमलों में मारे गए फिलिस्तीनी नागरिकों की तादाद 5 हजार से ज्यादा हो गई है और इसमें बड़ी तादाद बच्चों की है।