कविता जोशी
देशभर में सेना से जुुड़े सेवानिÞवृत्त कर्मियों या उनके आश्रित परिजनों को अब पेंशन से जुड़े दावों और समस्याओं का समाधान पाने के लिए दस्तावेजी कार्यालयों को चिट्ठी लिखने या ईमेल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि सेना ने इसके लिए एक ‘चैटबाट’ प्रणाली जारी कर दी है। इसमें पंजीकरण के बाद किसी भी स्मार्टफोन पर चैटबाट में लिखित रूप से अपनी समस्या दर्ज करनी होगी और उसका तत्काल समाधान मिल जाएगा। सैन्य सुरक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अभी इस चैटबाट को पिछले सप्ताह ओड़ीशा के गोपालपुर स्थित सेना के हवाई रक्षा रेकार्ड कार्यालय में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि चैटबाट आने के बाद सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की पेंशन समस्याओं का समाधान निकालने में लगने वाला अत्यधिक समय बचेगा और इसके लिए उन्हें रेकार्ड कार्यालय में प्रत्यक्ष रूप से जाकर अपनी उपस्थिति भी दर्ज नहीं करानी पड़ेगी। सेना ने चैटबाट में पेंशन से जुड़े सभी फार्म तुरंत डाउनलोड विकल्प की सुविधा के साथ शामिल कर दिए हैं।
इसमें अंग्रेजी या रोमन हिंदी का प्रयोग कर समस्या का समयबद्ध निदान पाया जा सकता है। ये प्रणाली एक प्रकार से दो लोगों के आपस में बातचीत करने पर ही आधारित है। इसमें प्रत्यक्ष मौजूदगी सेवानिवृत्त कर्मी या उनके आश्रित परिजन की रहेगी। चैटबाट सभी स्मार्टफोन पर आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि चैटबाट के जारी होने के सप्ताहभर के भीतर कुल 70 हजार सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों ने पंजीकरण के साथ इसे प्रयोग करना शुरू कर दिया है। इन लोगों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रियाओं के आधार पर ही सेना के इसे अपने बाकी बचे हुए 53 रिकार्ड कार्यालयों में भी लागू करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं सेना की योजना आने वाले वक्त में चैटबाट से अपने सभी सेवारत सैन्यकर्मियों को भी जोड़ने की है।