रंजना मिश्रा
इस साल विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘पर्यटन और हरित निवेश’ रखी गई है। यह थीम पर्यटन को एक टिकाऊ और सतत आर्थिक गतिविधि के रूप में बढ़ावा देने के लिए, हरित निवेश के महत्त्व पर प्रकाश डालती है। पर्यटन एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है, जिससे रोजगार पैदा होता है, विकास को बढ़ावा मिलता है और संस्कृतियों के बीच समझ को विकसित होने का मौका मिलता है।
हालांकि पर्यटन पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हरित निवेश पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद कर सकता है, जिससे यह अधिक जिम्मेदार और स्थायी आर्थिक गतिविधि बन सकती है। विश्व पर्यटन संगठन द्वारा साल 2023 में विश्व पर्यटन दिवस के लिए कुछ प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। जैसे, पर्यटन और हरित निवेश के बीच संबंधों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, पर्यटन उद्योग में हरित प्रथाओं को बढ़ावा देना, पर्यटन के लिए एक अधिक टिकाऊ भविष्य का निर्माण करना।
दरअसल पर्यटन से प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों की क्षति और जैव विविधता को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। हरित निवेश से पर्यटन के पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है। पर्यटन और हरित निवेश दोनों ही आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। एक ओर, पर्यटन रोजगार पैदा करता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। दूसरी ओर, हरित निवेश नई प्रौद्योगिकियों और विकास के अवसरों को जन्म दे सकता है।
हरित निवेश पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए कई तरह से योगदान दे सकता है। जैसे, पर्यटन स्थलों और उनकी गतिविधियों में हरित निवेश ऊर्जा दक्षता में सुधार करने के लिए किया जा सकता है। इससे ऊर्जा की खपत कम होगी और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ेगा। अपशिष्ट प्रबंधन से कचरे के निपटान में कमी आएगी और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ेगा।
उदाहरण के लिए, होटल और रिसार्ट जैविक अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण कार्यक्रमों में निवेश कर सकते हैं। हरित निवेश स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और आय में वृद्धि होगी। सरकारें पर्यटन स्थलों और उनकी गतिविधियों के लिए स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को प्रोत्साहित कर सकती हैं, और पर्यटक स्थल स्थानीय उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा दे सकते हैं।
पर्यटन और हरित निवेश के लिए कई चुनौतियां भी हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है। पर्याप्त वित्त पोषण प्राप्त करना एक चुनौती हो सकती है। भारत में, हरित निवेश पर्यटन को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए कई तरह से किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, सरकार ने ‘ग्रीन टूरिज्म’ को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार पर्यटन स्थलों और गतिविधियों को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए अनुदान और अन्य सहायता प्रदान करती है।
पर्यटन लोगों को एक-दूसरे के साथ जुड़ने और एक-दूसरे की संस्कृतियों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। यह लोगों को अधिक खुले विचारों वाला और सहिष्णु बनने में भी मदद करता है। पर्यटन अर्थव्यवस्था को कई तरीकों से मजबूत बना सकता है। यह आय और रोजगार पैदा करता है। विदेशी मुद्रा का प्रवाह पैदा करता है। स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देता है। यह स्थानीय कला, संगीत, भोजन और परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में मदद करता है।
किसी भी पर्यटन क्षेत्र का कुप्रबंधन पर्यटकों के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है। कुप्रबंधन से पर्यटकों के लिए सुरक्षा का खतरा बढ़ सकता है। यदि पुलिस और सुरक्षा बलों को पर्याप्त संसाधन नहीं दिए जाते हैं, तो अपराध और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। कुप्रबंधन से पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच असमानता बढ़ सकती है। यदि पर्यटकों को विशेषाधिकार दिए जाते हैं, तो स्थानीय लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ सकता है। कुप्रबंधन से स्थानीय पर्यावरण को नुकसान हो सकता है।
अगर पर्यटन क्षेत्रों में पर्याप्त सड़कें, रेलवे तंत्र, हवाई अड्डे और अन्य बुनियादी ढांचे की सुविधाएं नहीं हैं, तो पर्यटकों के लिए यात्रा करना और घूमना मुश्किल हो सकता है। अगर पर्यटक अपेक्षा से कम आते हैं, तो पर्यटन उद्योग में व्यवसायों को नुकसान हो सकता है। यदि पर्यटन उद्योग उचित रूप से प्रबंधित न किया जाए, तो यह पर्यटन के आर्थिक लाभों को कम कर सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि पर्यटन उद्योग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, तो इससे पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता कम हो सकती है। सामाजिक नुकसान हो सकता है, स्थानीय समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं पर खराब असर हो सकता है। पर्यटन को एक सतत तरीके से प्रबंधित किया जाना चाहिए, ताकि यह स्थानीय पर्यावरण और संसाधनों को नुकसान न पहुंचाए।
इसके लिए, पर्यटन उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पर्यटन का लाभ सभी स्थानीय लोगों को समान रूप से मिलना चाहिए। इसके लिए, पर्यटन उद्योग को स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यवसाय के अवसर प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
पर्यटन एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय शक्ति है। यह दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं, समुदायों और पर्यावरण को लाभान्वित करने की क्षमता रखता है। कोरोना महामारी के दौरान और बाद में पर्यटन के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। पर्यटन उद्योग से डिजिटलीकरण तेज हुआ है। पर्यटक अब आनलाइन यात्रा योजना और बुकिंग कर सकते हैं। इससे पर्यटकों के लिए यात्रा करना आसान और अधिक सुविधाजनक हो गया है। पर्यटन उद्योग ने स्थानीयकरण पर ध्यान केंद्रित किया है।
भारत में अब विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साल 2023 में जनवरी से जून तक भारत में आए विदेशी पर्यटकों की संख्या 43.80 लाख है, जो 2022 में इस अवधि के दौरान आए पर्यटकों की संख्या से 106 फीसद अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में 2023 में इस अवधि के लिए विदेशी मुद्रा आय में वृद्धि हुई है।
घरेलू पर्यटन का आंकड़ा साल 2021 में 67.7 करोड़ था, जो 2022 में बढ़कर 173.1 करोड़ हो गया है। जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या का आंकड़ा 2022 में 1.8 करोड़ से अधिक था, जबकि 2023 में जनवरी से जून तक यह आंकड़ा 1.09 करोड़ रहा है। काशी विश्वनाथ गलियारे के निर्माण के बाद वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। गलियारे के उद्घाटन के बाद से अब तक यहां करीब 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे हैं।