बॉडर्र एरिया में भारतीय सेना को कम्युनिकेशन में मजबूती प्रदान करने के लिए बीएसएनएल ने सियाचिन वारियर्स के साथ मिलकर15,500 फीट की उचाई पर बेस ट्रांस रिसीवर स्टेशन यानि बीटीएस स्थापित किया है। इसकी मदद से भारतीय सेना के जवान बर्फ ढके पहाड़ों से भी सीधे वायरलेस तरीके से संवाद और जरूरत के वक्त इमरजेंसी सिंगल रियल टाइम में फ्लैश कर पाएंगे।
बीएसएनएल का ये टावर भारतीय सेना को एक हथियार की भांति सुरक्षा और मजबूती प्रदान करेगा। ऐसा पहली बार नहीं है जब बीएसएनएल ने बॉर्डर क्षेत्रों में भारतीय सेना के साथ मिलकर कोई उपलब्धि हासिल की हो। इससे पहले भी कंपनी दुर्मम से दुर्गम इलाकों में सेना के साथ मिलकर रिकॉड स्थापित कर चुकी है।
बीटीएस टावर की मदद से मोबाइल कम्युनिकेशन में जवानों को मदद मिलेगी और वे आसानी से संवाद कर पाएंगे। बहरहाल सोशल मीडिया पर सियाचिन योद्धाओं को टावर स्थापित करते हुए ली गई फोटो तेजी से वायरल हो रही है। ट्विटर पर फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स नाम के अकाउंट से लिखा गया कि बीएसएनएल के सहयोग से सियाचिन वारियर्स ने 15,500 से अधिक संख्या में तैनात सैनिकों के लिए मोबाइल संचार का विस्तार करने के लिए 06 अक्टूबर को सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के अग्रिम चौकियों पर पहली बार बीएसएनएल बीटीएस की स्थापना की गई है।
भारत संचार निगम लिमिटेड यानि बीएसएनएल आने वाले समय में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में अंतरराष्ट्रीय भारत चीन सीमा पर नेलांग और जादुंग गांवों सहित कई क्षेत्रों में मोबाइल टावर स्थापित करेगी ताकि कम्युनिकेशन में जवानों को मजबूती मिले।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि नेलांग और जादूंग समेत कई स्थानों पर बीएसएनएल को जमीन उपलब्ध करा दी गई है और टावर लगाने का काम भी शुरू हो गया है। देवेंद्र पटवाल ने ये भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीम पर बीएसएनएल सेव शुरू होने से सेना, आईटीबीपी के साथ-साथ बीआरओ के जवानों और मजदूरों को भी फायदा होगा।