भारतीय जनता पार्टी ने पांच राज्यों विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के किसानों को लुभाने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। इन राज्यों में पार्टी की विशेष रूप केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थी किसानों तक पहुंचने की योजना है। इस कार्य को भाजपा किसान मोर्चा की राज्यस्तरीय इकाइयां संभालेंगी। देश में किसानों के लिए केंद्र सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन इनमें ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (PM KISAN), ‘प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना’, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’, ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ आदि प्रमुख हैं।
भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज यादव ने बताया कि विधानसभा चुनावों में किसानों तक पहुंचने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। हम सभी राज्यों विशेषकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसान लाभार्थी सम्मेलन और किसान चौपालों का आयोजन करेंगे। इन कार्यक्रमों में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वाले किसानों से बातचीत की जाएगी।
इन राज्यों में कृषि या उससे जुड़े व्यवसाय को करने वालों की संख्या की बात करें तो मध्य प्रदेश में यह 72 फीसद, छत्तीसगढ़ में 70 फीसद और राजस्थान में यह आंकड़ा 62 फीसद है। हर राज्य में किसानों की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में हर राजनीतिक दल की नजर इस वोट बैंक पर लगना स्वाभाविक है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के किसानों को तो केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है लेकिन राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, वहां के बहुत सारे किसान केंद्र की योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक छत्तीसगढ़ के करीब 40 फीसद किसानों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ का पैसा नहीं मिल रहा है। केंद्र की इस योजना के तहत किसानों को सालाना छह हजार रुपए मिलते हैं। इस योजना के तहत देश का कोई भी किसान आवेदन कर सकता है। यह रकम तीन किस्त में दी जाती है, जो चार महीने के अंतराल पर दी जाती है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनाने की मंजूरी दी है। तेलंगाना में बड़ी संख्या में किसान हल्दी उगाने का कार्य करते हैं। भाजपा को उम्मीद है कि इस निर्णय का लाभ उन्हें चुनाव में मिलेगा। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के गठन की तेलंगाना के किसानों की मांग बहुत पुरानी है।