Bihar Caste Census: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार को राज्य में उसके जाति सर्वेक्षण के और आंकड़े प्रकाशित करने से रोकने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘हम इस बिंदु पर नहीं रुक रहे हैं…हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को फैसला लेने से नहीं रोक सकते। यह गलत होगा।’ कोर्ट ने कहा, ‘जाति-आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों के संबंध में किसी भी मुद्दे पर विचार किया जाएगा।’ इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा किए गए जाति-आधारित सर्वेक्षण की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई जनवरी 2024 तक के लिए स्थगित कर दी।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने ने कहा, “हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को निर्णय लेने से नहीं रोक सकते।” पटना हाई कोर्ट ने 2 अगस्त को जाति-आधारित सर्वेक्षण कराने के बिहार सरकार के फैसले को बरकरार रखा।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने राज्य सरकार द्वारा इस सप्ताह के शुरू में जाति-सर्वेक्षण डेटा प्रकाशित करने पर आपत्ति जताई। सिंह ने तर्क दिया कि जाति विवरण मांगने का राज्य का निर्णय केएस पुट्टास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत था, जिसने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी थी, क्योंकि राज्य ने अभी तक सर्वेक्षण के लिए कोई “वैध उद्देश्य” नहीं दिखाया है। उन्होंने न्यायालय से यथास्थिति का एक अंतरिम आदेश पारित करने का अनुरोध किया, जिसमें राज्य को सर्वेक्षण डेटा पर कार्रवाई न करने के लिए कहा जाए।
सिंह ने आग्रह किया, “इस डेटा पर कार्रवाई नहीं की जा सकती, क्योंकि यह गलत तरीके से जुटाया गया था।” इस प्वाइंट पर जस्टिस ख्नना ने राज्य से पूछा- “मिस्टर दीवान, आपने इसे क्यों प्रकाशित किया?”
बिहार सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने संकेत दिया कि अदालत ने तारीख के प्रकाशन के खिलाफ कभी कोई आदेश पारित नहीं किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने संकेत दिया है कि सबसे पहले वह यह तय करेगी कि नोटिस जारी किया जाए या नहीं।”
यह देखते हुए कि मामले को विस्तार से सुनने की आवश्यकता है, पीठ ने सुनवाई स्थगित कर दी और याचिकाओं पर राज्य सरकार को औपचारिक नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला काफी विस्तृत है। हालांकि सिंह ने यथास्थिति आदेश की दलील दोहराई, लेकिन पीठ ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया।
जस्टिस खन्ना ने कहा, “हम राज्य सरकार या किसी भी सरकार को निर्णय लेने से नहीं रोक सकते। यह गलत होगा। लेकिन, यदि डेटा के संबंध में कोई मुद्दा है, तो उस पर विचार किया जाएगा। हम राज्य सरकार की शक्ति के संबंध में अन्य मुद्दे की जांच करने जा रहे हैं।