पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी संस्था ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति जरदारी समेत कई अन्य नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ऑफ पाकिस्तान के उस फैसले के बाद हुआ है जिसमें उसने भ्रष्टाचार रोधी कानून में हालिया संशोधन को खारिज कर दिया था। शहबाज शरीफ सरकार ने नवाज शरीफ को वापस वतन बुलाने के लिए ये फेरबदल कराया था। इसमें 50 करोड़ से अधिक के मामले एएनबी से ले लिए गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक झटके में सियासत को ही बदल डाला। खास बात है कि पाकिस्तान में आम चुनाव की आहच शुरू हो चुकी है। नेशनल असेंबली का लोअर हाउस भंग हो चुका है। उसके 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने जरूरी हैं।
केस खुलने का मलतब है नेताओं के जेल जाने का सिलसिला शुरू होना। नवाज शरीफ तमाम तिकड़मे भिड़ाकर जेल से लंदन निकले थे। उनकी पाकिस्तान में वापसी का प्रोग्राम है। लेकिन ऐसे में उनके ना आने के चांस ज्यादा हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (ANB) ने भ्रष्टाचार मामलों का एक ब्योरा विशेष अदालतों को सौंपा है। उनसे कहा गया है कि उन मामलों को फिर से खोला जाए, जो 50 करोड़ रुपये से कम की राशि के है।
खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार रोधी कानून में संशोधन को खारिज करने का फैसला इमरान खान की याचिका पर लिया है। लेकिन जिन नेताओं के खिलाफ केस खोलने की बात कही जा रही है उनमें इमरान खान भी शामिल हैं। शरीफ बंधुओं के अलावा पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, यूसुफ रजा गिलानी, राजा परवेज अशरफ, शौकत अजीत, शाहिद खाकान अब्बासी के नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं। इमरान ने अपनी याचिका में पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के जवाबदेही कानूनों में किए गए संशोधन को चुनौती दी थी।
पुराने कानून को बहाल कर दिए जाने से कई दिग्गज नेताओं के खिलाफ मामले फिर से खुल गए हैं। नवाज शरीफ के 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटने का कार्यक्रम है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख नवाज शरीफ लंदन से चार साल बाद लौट रहे हैं। वो पाकिस्तान की सियासत में फिर से अपनी ताकत का एहसास कराने की जुगत भिड़ा रहे हैं लेकिन अब उन्हें तोशखाना मामले में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।
2020 में अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में अपराधी करार दिया था। इसी मामले में 68 वर्षीय जरदारी और 71 वर्षीय गिलानी भी आरोपी हैं। तोशाखाना मामले में इमरान खान को हाल ही में तीन साल की सजा हुई थी। हालांकि पाकिस्तान के चीफ जस्टिस रहे उमर अता बंदियाल के दबाव के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उनको जमानत पर रिहा कराया था। इमरान को जेल से निकलते ही दूसरे केस में पाकिस्तान पुलिस ने धर लिया था।