लोकसभा में आज कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत के स्पेस कार्यक्रम की जमकर सराहना की वह अपना भाषण पूरा कर बैठे ही थे कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए खड़ी हो गई। उन्होंने कहा कि डॉ शशि थरूर एक विद्वान और वरिष्ठ सदस्य हैं। जब भी वह बहस में भाग लेते हैं तो उन्हें सुनना काफी रोचक लगता है। काफी अच्छ चीजें हैं सर, लेकिन आज मैं उन्हें स्पीच के बीच में रोकना नहीं चाहती थी। मुझे उम्मीद है कि मैंने सही सुना है।
सर आपने अपनी स्पीच में एक बात कही जिससे मैं सहमत नहीं हूं और मैं आपकी बात को रीपीट करती हूं ‘ कइा लड़कियां और महिलाएं हैं जो साइंस और तकनीकी के क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं। हम इसमें से कई को स्पेस कार्यक्रम में देख भी चुके हैं।तो संसद से उलट उन्हें स्पेस प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए आरक्षण की जरूरत नहीं है।’
जब वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल बोल रही थीं तो थरूर बड़े ध्यान से सुन रहे थे। जैसे ही अनुप्रिया ने रिजर्वेशन की बात कही तो वह मुस्कुराने लगे। अनुप्रिया ने कहा कि मैं आपकी इस बात से सहमत नहीं हूं । यह ठीक नहीं है। कल ही हमने एक ऐतिहासिक बिल पास किया है। उस समय स्पीकर की कुर्सी पर राजेंद्र अग्रवाल बैठे थे।
दोनों ही ओर से वाद विवाद आरंभ हो गया।अनुप्रिया कुछ समय तक बोलती रहीं आगे कहा कि आपकी पार्टी ने इस बिल का सपोर्ट किया है यानी आप महिलाओं को आरक्षण देने का समर्थन करते हैं।सत्ता और विपक्ष की ओर से कई सदस्य खड़े होकर वाद विवाद करने लगे। थरूर भी खड़े हुए थे तो उन्हें राजेंद्र अग्रवाल ने बैठा दिया।
थरूर ने खड़े होकर कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि माननीय मंत्री अच्छी मित्र हैं। मुझे लगता है कि मेरी टिप्पणी को गलत तरीके से समझ गया। मैं कहना चाहता हूं कि मेरे मन में सामान्य रूप से महिलाओं के प्रति और इस सदन में जो बिना आरक्षण के निर्वाचित हुईं, उनके लिए भी पूरा सम्मान है। मैंने कहा कि हमे आरक्षण की जरूरत है क्योंकि नंबर पर्याप्त नहीं है। इसलिए हमने लोकसभा में बिल पास किया है। मैंने कहा है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे पास इसरो में पहले से ही 20 प्रतिशत नंबर है और यह ऊपर बढ़ रहा है।
कहा कि भारत के स्पेस प्रोग्राम ने दुनिया को दिखा दिया है कि हमारी इनोवेटिव क्षमता कितनी है और हम वैश्विक चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकते हैं।चंद्रयान 3 की सफलता ने दुनिया को बताया है कि भारत विकसित पश्चिमी देशों के बनाए नियम पर चलता नहीं है, नए आायाम भी स्थापित कर सकता है।