लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बुधवार को संसद में अपना संबोधन दिया। वे ज्यादा देर तो नहीं बोले, लेकिन उनकी तरफ से केंद्र सरकार पर कई सीधे हमले किए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस सरकार में ओबीसी समाज को नजरअंदाज किया गया। उनकी तरफ से बार-बार कहा गया- आपको घबराने की जरूरत नहीं है, डरिए मत।
अब असल में राहुल गांधी अपने साथ कुछ आंकड़े लेकर आए थे। ये आंकड़े ओबीसी समाज की भागीदारी और जनगणना को लेकर थे। जैसे ही राहुल ने इस बारे में बोलना शुरू किया, सत्ता पक्ष से थोड़ा हल्ला हुआ। उस हल्ले को देखते हुए राहुल गांधी ने एक बार नहीं कई बार कहा कि घबराइए मत, आपक डर क्यों रहे हो। वे जितनी बार ये बोलते रहे, इस पर और ज्यादा विवाद बढ़ता गया। खुद स्पीकर ओम बिरला को कहना पड़ा कि संसद में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, यहां बैठे हर सदस्य समान हैं, ऐसे में ये नहीं बोलना चाहिए।
बड़ी बात ये है कि इतना सब कुछ होने के बाद जब गृह मंत्री अमित शाह के बोलने का वक्त आया, तब राहुल गांधी अपनी सीट से उठकर चले गए। इस पर अमित शाह ने चुटकी लेते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, डरो मत। गृह मंत्री के तंज पर ओम बिरला ने बोला कि जाने वाले को कौन रोक सकता है और इसके बाद अमित शाह का भाषण फिर शुरू हो गया। शाह ने राहुल गांधी के तमाम आरोपों पर दो टूक जवाब देने का काम किया।
अमित शाह ने कहा कि इस बिल के जरिए एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस देश की बेटी न केवल नीतियों के अंदर अपना हिस्सा पाएगी, बल्कि नीति निर्धारण में भी अपने पद को सुरक्षित करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए ये बिल पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है।