अमृता नायक दत्ता
Jammu Kashmir Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में मुठभेड़ के दौरान लापता हुए जवान का शव पांच दिन बाद बरामद किया गया है। 27 साल के प्रदीप सिंह 13 सितंबर से ही लापता थे। 18 सितंबर की शाम 5 बजे उन्हें मृत पाया गया। इस तरह दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में हुए मुठभेड़ में शहीद होने वाले जवानों की संख्या 4 हो गई है। वह कोकेरनाग में आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन का हिस्सा थे।
भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस इलाके के घने जंगलों में अभी सर्च ऑपरेशन चला रही है। अनंतनाग मुठभेड़ में जान गंवाने वाले तीन अन्य लोग 19वीं राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमांयू मुजम्मिल भट्ट थे। खुफिया जानकारी के आधार पर ये लोग सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, तभी आतंकियों ने इन पर अटैक कर दिया।
सिपाही प्रदीप सिंह पंजाब के पटियाला के रहने वाले थे। सेना में शामिल हुए उनको सात साल हुए थे। वह सेना की 19वीं राष्ट्रीय राइफल्स के सिख लाइट इंफ्रैंट्री का हिस्सा थे। प्रदीप के परिवार में अब उनकी पत्नी बची हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सिपाही प्रदीप सिंह ‘क्विक रिएक्शन टीम’ (QRT) का हिस्सा थे। ऐसे में माना जा रहा है कि वह ऑपरेशन के पहले दिन ही आतंकियों की गोली का शिकार हो गए थे। QRT में बटालियन के सबसे फिट लोगों को रखा जाता है।
सूत्रों ने कहा कि दो अन्य शव मिले हैं, जिनके आतंकवादियों के होने का संदेह है। एक रविवार को और दूसरा सोमवार को। हालाँकि, इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। अधिकारियों ने कहा कि ऑपरेशन मंगलवार को भी जारी रहेगा। सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान में इजरायली हेरोन एमके II यूएवी, क्वाडकॉप्टर, नाइट विजन डिवाइस और विशेष बलों सहित सभी निगरानी संसाधनों को तैनात किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले कहा था कि दो से तीन आतंकियों को जंगल में घेर लिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 दिनों में घाटी और पीर पंजाल के दक्षिण के इलाकों में आतंक और घुसपैठ की कम से कम पांच घटनाएं दर्ज की गई हैं। द इंडियन एक्सप्रेस ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट किया था, यह सुरक्षा प्रतिष्ठान को आतंकवाद-निरोध के लिए शीतकालीन रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को किश्तवाड़ जिले में कथित तौर पर आतंकवादियों के लिए काम करने वाले तीन ‘ओवरग्राउंड वर्करों’ को हिरासत में लिया। पुलिस ने कहा कि तीनों लोगों की पहचान कमाल मोहल्ले के जहूर-उल-हसन उर्फ निक्का कमाल, जामिया मस्जिद इलाके के तौसीफ-उल-नबी और किश्तवाड़ के साउंडर दच्छन के रईज अहमद के रूप में हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई का उद्देश्य कथित “राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों” पर अंकुश लगाना और “किश्तवाड़ के युवाओं को प्रतिबंधित संगठनों द्वारा लुभाए जाने से बचाना” था।
किश्तवाड़ के एसएसपी पुलिस खलील पोसवाल ने कहा कि तीनों के नाम पहले जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज विभिन्न एफआईआर में सामने आए थे। उन्होंने कहा कि तीनों पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता और स्थानीय युवाओं को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के कारण सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।