सुप्रीम कोर्ट ने पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका पर सीबीआई से सोमवार को जवाब मांगा है।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनवरी में मंडल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ध्यान रहे कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल के कई नेता एजेंसियों के निशाने पर हैं।
अनुब्रत मंडल पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष हैं। उन्होंने पहले हाईकोर्ट से जमानत के लिए अनुरोध किया था। मंडल ने हाईकोर्ट में कहा था कि वह मामले में 145 दिन से अधिक समय से हिरासत में हैं। सीबीआई ने याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि वह पशु तस्करी मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर जांच को बाधित कर सकते हैं। सीबीआई ने दावा किया कि मंडल अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए बीरभूम जिले से बांग्लादेश में मवेशियों की आवाजाही में मुख्य सूत्रधार थे।
हालांकि, तृणमूल नेता के वकील ने कहा कि इस तरह का कोई साक्ष्य अब तक नहीं मिला है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार उनको बेवजह फंसाने पर आमादा है। जबकि उनका पशु तस्करी में कोई रोल नहीं है। कोई भी शख्स ऐसा नहीं है जिसने इस बात की पुष्टि की हो। केंद्रीय एजेंसियां जबरन उनको बलि का बकरा बनाने पर तुली हैं। उनका कहना था कि वो ममता बनर्जी से जुडे़े हैं तभी उनको निशाना बनाया जा रहा है।
अनुव्रत मंडल को सीबीआई ने अगस्त में पशु तस्करी में गिरफ्तार किया था। एजेंसी की चार्जशीट में भी उनका नाम है। सीबीआई ने मंडल के बॉडी गार्ड रहे सहगल हुसैन को भी गिरफ्तार किया था। चार्जशीट में उन्हें मुख्य आरोपी बताया गया है। उसके बाद ईडी ने भी एक्शन लिया और उसने भी हुसैन को अपनी हिरासत में ले लिया था। बॉडी गार्ड के शिकंजे में फंसने के बाद मंडल की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ी हैं।