दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 4 अक्टूबर तक के लिए रोक लगा दी है। पिछले सात महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया ने मानवीय आधार पर अपनी बीमार पत्नी से मिलने के लिए अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल की है। पत्नी की हालत लगातार बिगड़ रही है। उनकी कई मेडिकल रिपोर्ट्स में हालत गंभीर होने की पुष्टि हुई है।
मनीष सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने नियमित जमानत पर बहस के लिए तीन-चार घंटे का समय मांगा। उन्होंने इस मामले को लेकर मीडिया में लगातार छप रही स्टोरी पर आपत्ति जताई। हालांकि उनकी आपत्ति पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्ठी की पीठ ने कहा कि अदालत ऐसी स्टोरी पर ध्यान नहीं देती है। उन्होंने मामले को अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया।
शराब घोटाला मामले में पिछली फरवरी में गिरफ्तार हुए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर पिछले महीने अदालत ने कोई निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया था।
अदालत ने अंतरिम राहत और जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए मामले को 4 सितंबर को सूचीबद्ध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे जवाब मांगा गया था। इससे पहले सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन वहां राहत नहीं मिली। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. पीठ का कहना था कि वह ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (PMLA) के तहत जमानत देने की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं।