जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बौखलाए आतंकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के तीन जाबाज शहीद हो गए। कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट ने देश सेवा में अपने प्राण निछावर कर दिए। तीनों ही वीरों की काफी प्रेरणादायक वीरगाथा है। कोई उस यूनिट का हिस्सा रहा जिसने बुरहान वानी का अंत किया तो कोई इसी साल सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था।
बताया जा रहा है कि 12 और 13 सितंबर को ऐसे इनपुट मिले थे कि अनंतनाग में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। उस इनपुट के आधार पर ही सेना और पुलिस दोनों जमीन पर सक्रिय हो गईं और उनकी तरफ से एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया। अब जिस समय तलाशी अभियान चलाया गया, कुछ आतंकियों ने अचानक से फायरिंग कर दी और उस गोलीबारी में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन खून इतना बह चुका था कि तीनों में से किसी भी वीर सपूत को नहीं बचाया जा सका।
अभी के लिए सेना ने पूरे इलाके को घेर रखा है और वहां पर बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आतंकियों के जल्द से जल्द सफाए की बात कही जा रही है।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के भरऊजान गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार वर्तमान में हरियाणा के पंचकूला में रह रहा था। साल 2003 में मनप्रीत ने अपना एनडीए खत्म कर दिया था और फिर 2005 में वे सेना में शामिल हो गए। बड़ी बात ये रही कि उनके दादा और पिता को भी सेना के साथ खास रिश्ता रहा। दोनों ने ही सेना में सिपाही के रूप में कई सालों तक अपनी सेवा दी। इस समय मनप्रीत अपने पीछे अपी पत्नी, एक सात साल का बेटा और एक डेढ़ साल की बेटी को छोड़ गए हैं।
शहीद मेजर आशीष धोनैक को इस साल 15 अगस्त को सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। वे 19 राष्ट्रीय राइफल्स के साथ जुड़े हुए थे और पूरी शिद्दत और बहादुरी के साथ अपनी देश सेवा कर रहे थे। आशीष पानीपत के बिंझौल गांव के निवासी थे। वे अपनी तीन बहनों के इकलौते भाई और छह महीना पहले ही छुट्टी लेकर घर आए थे। अब किसे पता कि वो मेजर आशीष धोनैक की आखिरी छुट्टी साबित होगी और वो उनकी परिवार के साथ आखिरी मुलाकात रहेगी।
शहीद डिप्टी एसपी हुमायूं भट्ट जम्मू-कश्मीर पुलिस में कार्यरत थे। उनके पिता भी जम्मू-कश्मीर पुलिस में ही डीआईजी रैंक के अफसर थे। हुमांयू 2018 बैच के एक नौजवान अधिकारी थे जो दिमाग से तेज और हिम्मत से भरपूर थे। पिछले साल ही उनकी शादी भी हुई थी और कुछ समय पहले ही उन्हें पिता बनने का सौभाग्य भी मिला था। लेकिन अब एक साल के अंदर में वो पत्नी भी विधवा हो गई और बच्चा भी अनाथ हो गया।