मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव के लिए बीजेपी, कांग्रेस सहित राज्य में एक्टिव कई अन्य दलों ने भी कमर कस ली है। चुनाव से कुछ महीने पहले ही बीजेपी के लिए एक चिंताजनकर खबर आई है। मध्य पद्रेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ पूर्व कार्यकर्ताओं ने मिलकर जनहित पार्टी नाम से एक सियासी संगठन बनाने का ऐलान किया।
RSS के इन पूर्व कार्यकर्ताओं ने रविवार को कहा कि उनके इस कदम से राज्य की सियासत में मौजूद दल सुधार करने के लिए विवश होंगे। भोपाल के पास मिसरोद में अपने पुराने साथियों के साथ बैठक के बाद RSS के पूर्व प्रचारक अभय जैन ने पत्रकारों से कहा कि हमने जनहित पार्टी बनाई है क्योंकि सभी राजनीतिक दलों की संस्कृति लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों के खिलाफ है। सभी असफल हो गए हैं।
अभय जैन ने कहा कि अभी तो उनकी पार्टी रजिस्टर्ड भी नहीं हुआ है और कयास लगाए जा रहे हैं कि वो बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा, “साल 2018 में पिछले विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी हारी, तब हम कहीं नहीं थे। तब बीजेपी के वोट कांग्रेस पार्टी को शिफ्ट हो गए थे जो अच्छी हालत में नहीं है।”
उन्होंने कहा कि लोग मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के काम करने के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, “जब हम सियासी रण में उतरेंगे तो क्या होगा? जो लोग BJP से खुश नहीं हैं लेकिन हिंदू मानसिकता रखते हैं वे हमें पसंद करेंगे। राजनीतिक गणित के हिसाब से अगर BJP को पांच वोट का नुकसान होता है तो कांग्रेस को उसका फायदा नहीं होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि इस वजह से सियासी दलों पर गवर्नेंस के तरीके में सुधार करने का प्रेशर बढ़ेगा। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वो राज्य में सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो जैन ने कहा कि वे चुनाव में उतारे जाने वाले उम्मीदवारों पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारा राजनीतिक लक्ष्य अदूरदर्शी नहीं है। हमारा लक्ष्य बड़ा है।” उन्होंने कहा कि अभी उनके दल का फोकस मध्य प्रदेश पर है लेकिन उनका प्लान जरूरत पड़ने पर विस्तार करने का भी है।
अभय जैन ने PTI को मिसरोद में हुई उनकी बैठक में 200 से ज्यादा लोग शामिल हुए। इन लोगों में झारखंड से RSS बैकग्राउंड के भी 5 लोग शामिल थे। उन्होंने बताया कि वो खुद साल 2007 तक RSS के प्रचारक थे और सिक्किम में संगठन के लिए काम कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि वो अभी भी संघ के स्वयंसेवक हैं।
बैठक में शामिल हुए संघ के एक और पूर्व प्रचारक मनीष काले ने बताया कि वो 1991 से 2007 तक प्रचारक रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अभी भी उसी विचारधारा के साथ देश के उत्थान के लिए काम करते हैं। कभी भारतीय किसान संघ से जुड़े रहे रवि दत्त सिंह ने भी मीटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले वे लोग थे जिन्होंने 2007-2008 में आरएसएस छोड़ दिया था। (PTI)