दिल्ली में G-20 Summit का समापन हो गया है। पीएम मोदी ने रविवार को शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति को अगले आयोजन की अध्यक्षता सौंपी। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ‘दिल्ली डिक्लेरेशन’ (घोषणापत्र) पर आम सहमति बनाने के लिए रविवार को भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत की प्रशंसा की। सीनियर कांग्रेस लीडर ने कहा कि यह जी20 में भारत के लिए गौरवशाली पल था।
रूस-यूक्रेन पर आम सहमति बनाने की कांत की टिप्पणियों को टैग करते हुए शशि थरूर ने सोशल मीडिया मंच X (ट्विटर) पर लिखा कि बहुत खूब अमिताभ कांत। ऐसा लगता है कि जब आपने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का चयन किया था, तो IFS ने एक उत्कृष्ट राजनयिक खो दिया। थरूर ने शनिवार रात किए पोस्ट में कहा, ‘‘दिल्ली डिक्लेरेशन पर आम सहमति को लेकर भारत के जी20 शेरपा का कहना है कि रूस, चीन से बातचीत की गई, कल रात ही अंतिम ड्राफ्ट मिला। जी20 में भारत के लिए गर्व का क्षण।’’
Well done @amitabhk87! Looks lile the IFS lost an ace diplomat when you opted for the IAS! “Negotiated with Russia, China, only last night got final draft,” says India’s G20 Sherpa on ‘Delhi Declaration’ consensus.
A proud moment for India at G20! https://t.co/9M0ki7appY
भारत ने शनिवार को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध पर काफी मतभेदों के बावजूद जी20 शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति से घोषणापत्र जारी किया। कांत ने रविवार को कहा कि यहां लीडर्स समिट में अपनाए गए ‘जी20 डिक्लेरेशन’ (घोषणापत्र) पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों के एक दल ने 200 घंटे से भी अधिक समय तक लगातार बातचीत की। संयुक्त सचिव ई गंभीर और के नागराज नायडू समेत कई राजनयिकों के एक दल ने 300 द्विपक्षीय बैठकें कीं और जी20 लीडर्स समिट के पहले दिन ही सर्वसम्मति बनाने के लिए विवादास्पद यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों को 15 ड्राफ्ट वितरित किए।
अमिताभ कांत ने कहा कि पूरे जी20 शिखर सम्मेलन का सबसे जटिल हिस्सा भूराजनीतिक पैराग्राफ (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाना था। यह 200 घंटे से अधिक समय तक लगातार बातचीत, 300 द्विपक्षीय बैठकों, 15 मसौदों के साथ किया गया। कांत ने कहा कि इस प्रयास में नायडू और गंभीर ने उनका काफी सहयोग किया।
भारत इस विवादित मुद्दे पर जी20 देशों के बीच आम सहमति बनाने में कामयाब रहा. उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं जैसे कि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई। ‘जी20 लीडर्स डिक्लेरेशन’ में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का उल्लेख करने से बचा गया और इसके बजाय सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुत्ता के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया गया।