उत्तर अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार देर शाम आए घातक भूकंप के बाद मरने वालों की संख्या अब तक 2000 से अधिक हो चुकी है। अल जज़ीरा के अनुसार 6.8 तीव्रता के इस भूकंप में 2012 लोगों की जान जा चुकी है और 2059 अन्य लोग घायल हुए हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को देश में तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। विनाशकारी भूकंप के बाद राजा मोहम्मद षष्टम ने सशस्त्र बलों को विशेष खोज और बचाव दल और सर्जिकल फील्ड अस्पताल तैनात करने का निर्देश दिया।
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की देर रात मोरक्को के ऊंचे एटलस पर्वतों को हिलाने वाले भूकंप से भूकंप के केंद्र के निकटतम शहर मराकेश में ऐतिहासिक संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं, लेकिन अधिकतर हताहतों की संख्या दक्षिण में अल-हौज़ और तरौदंत प्रांतों के पहाड़ी क्षेत्रों में दर्ज की गई।
सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित फुटेज में दिख रहा है कि लोग देर रात मराकेश शहर की सड़कों पर हैं और इमारतों के अंदर वापस जाने से डर रहे हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि वह पास के एक अपार्टमेंट में जा रहा था, तभी बर्तन और दीवार पर लटकी चीजें गिरने लगीं। एक महिला ने बताया कि ‘तीव्र कंपन’ महसूस करने के बाद वह अपने घर से बाहर निकल आई। एक बच्चे को गोद में लिए हुए एक व्यक्ति ने कहा कि वह भूकंप के झटके के कारण जाग गया। पीले रंग के जैकेट पहने आपात सेवा कर्मी इमारतों के मलबे में दबे जीवित लोगों की तलाश कर रहे थे।
मोरक्को की मीडिया ने बताया कि मराकेश शहर के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से शामिल 12वीं सदी की कुतुबिया मस्जिद को नुकसान पहुंचा है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि क्षति कितनी हुई है। इसकी 69-मीटर (226-फुट) मीनार को ‘मराकेश की छत’ के रूप में जाना जाता है।
मोरक्को वासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में तब्दील हुई दिख रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है। मराकेश के चारों ओर बनी प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मराकेश यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।