देश में कोरोना के मामले में फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। नए वैरिएंट जेएन 1 की वजह से मामलों में ज्यादा उछाल देखने को मिल रहा है। चिंता की बात ये है कि कई महीनों बाद दिल्ली-एनसीआर में कोविड के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। लगातार दूसरे दिन गाजियाबाद में कोरोना का एक मामला सामने आ गया है, वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में भी एक कोरोना संक्रमित मरीज मिल गया है। राजस्थान में नए वैरिएंट के कुछ और मामले सामने आ गए हैं।
इस समय राजस्थान में नए वैरिएंट के चार मामले सामने आ चुके हैं। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए प्रशासन ने एक हेल्थ एडवाइजरी जारी कर दी है। उस एडवाइजरी के मुताबिक खांसी- जुखाम या गले में दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाना है। इस समय जैसलपुर, जयपुर में नए वैरिएंट के केस मिले हैं। वैसे राजस्थान के अलावा केरल, बेंगलुरू और गोवा में नए वैरिएंट के मामले मिल चुके हैं।
गोवा में इस समय सबसे ज्यादा कोविड केस सामने आए हैं, लेकिन प्रशासन का तर्क है कि नए वैरिएंट के जो केस मिल भी रहे हैं, वो सारे पुराने हैं। इसी तरह केरल में भी अभी सिर्फ नए वैरिएंट का एक ही मामला मिला है। वैसे इस समय नए वैरिएंट के अलावा भी कोरोना के मामलों में पिछले महीनों के मुकाबले एक उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटे में 594 नए मामले सामने आ चुके हैं, सरकार का जोर देकर कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है और कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करना है।
इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को एक अहम समीक्षा बैठक कर ली है। वहीं दूसरी तरफ इन बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट पर नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने जोर देकर कहा है कि अभी इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उनके मुताबिक वैज्ञानिक इस नए वैरिएंट पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और राज्यों को भी तैयार रहने के लिए कह दिया गया है। इस समय सारी प्राथमिकता प्रणालियों को मजबूत करने पर दी जा रही हैं। वैसे यहां ये समझना जरूरी है कि इस नए वैरिएंट से मौतें ज्यादा नहीं हो रही हैं, लेकिन दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है।