दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा उल्लंघन के कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा द्वारा नष्ट किए गए मोबाइल फोन राजस्थान के कुचामन से बरामद कर लिए हैं। चार अन्य आरोपियों – मनोरंजन डी, सागर शर्मा, नीलम वर्मा और अमोल शिंदे – को जब गिरफ्तार किया गया तो ललित संसद के बाहर से राजस्थान भाग गया था। जांच में पता चला कि ललित ने कुछ अन्य लोगों की मदद से कुचामन के एक ढाबे पर फोन नष्ट कर दिए थे।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों के घरों की तलाशी ली और उनके परिवार के बयान दर्ज किए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी में सबूत मिटाने से जुड़ी आईपीसी की धाराएं जोड़ दी हैं। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह लोगों में से एक ललित झा की निशानदेही पर शनिवार को मोबाइल फोन के कुछ टुकड़े बरामद किए गए हैं।
झा ने एक स्थानीय निवासी महेश कुम्हावत के सहयोग से वहां के शिव होटल और रेस्तरां नाम के एक ढाबे के पास दो अलग-अलग स्थानों पर मोबाइल फोन जलाए थे। इनमें पहली जगह- रेस्तरां के सामने थी, जहां आरोपी अलाव के पास इकट्ठा हुए थे। दूसरी जगह राजमार्ग के दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन के करीब भी कुछ हिस्सा जलाया गया था। दूसरी जगह पर दिल्ली पुलिस को जले हुए कपड़े और प्लास्टिक के टुकड़े भी मिले थे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम शनिवार को झा को राजस्थान के नागौर ले गई, जहां वह आरोपी महेश कुमावत की मदद से ठहरा था।
शनिवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में छठे आरोपी महेश कुमावत को दिल्ली पुलिस द्वारा आपराधिक साजिश और सबूतों को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। पुलिस के मुताबिक, महेश पिछले दो साल से अन्य आरोपियों के साथ जुड़ा हुआ था और लोकसभा की कार्यवाही को बाधित करने की साजिश का हिस्सा था। पुलिस ने पहले अदालत को बताया कि उसे मुख्य आरोपी ललित झा के साथ मोबाइल फोन और सबूतों को नष्ट करने के काम में सक्रिय रूप से शामिल पाया गया था।
दिल्ली पुलिस की छह सदस्यीय एक अन्य टीम रविवार को लखनऊ पहुंची और आलमबाग इलाके में आरोपी सागर शर्मा के घर गई और उसके बैकग्राउंड के बारे में पता की। पुलिस उस मोची का पता लगा रही है, जिसने कथित तौर पर उसके स्पोर्ट्स जूते में कनस्तर छुपाने में मदद की थी। सागर के स्पोर्ट्स जूते के भीतरी तलवे को काटकर उसमें कनस्तर को छिपाने के लिए रबर का एक अतिरिक्त सोल लगाया गया था।