देश की संसद पर 13 दिसंबर को हुए स्मोक अटैक ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। उस घटना के बार पांच आरोपी पकड़े जा चुके हैं, एक अभी भी फरार चल रहा है। अब इस बीच पुलिस पूछताछ में इस पूरी वारदात की इनसाइड स्टोरी पता चल गई है। पता चल गया है कि आखिर किस तरह से कई महीने पहले ही इस साजिश की तैयारी कर ली गई थी। पुलिस पूछताछ में सिलसिलेवार तरीके से आरोपियों ने इस प्लानिंग के बारे में सबकुछ बताया है।
आरोपियों के मुताबिक फेसबुक पर इन सभी ने मिलकर भगत सिंह फैन पेज के नाम से एक ग्रुप बनाया था। इसके बाद डेढ़ साल ये सभी मैसूर में एक साथ मिले थे, वहां समाजिक मुद्दे उठाना उनका मकसद था। फिर 9 महीने पहले एक मुलाकात और हुई और उसी में फैसला किया गया कि अब विरोध प्रदर्शन के लिए देश की संसद का इस्तेमाल किया जाएगा। यानी कि सबसे पहले सदन पर स्मोक अटैक करने का विचार आज से 9 महीने पहले आ गया था।
हैरानी की बात ये है कि इस साल जब मार्च में देश का बजट पेश किया गया था, तब भी एक आरोपी मनोरंजन रेकी करने के लिए सदन के पास पहुंचा था। उसने पूरे इलाके को अच्छे से देखा, समझा और फिर वो सारा इनपुट अपने साथियों को दिया। उसकी रेकी भी इतनी खूफिया रही कि किसी को कुछ पता नहीं चला और उसने अपना काम पूरा कर लिया।
इसके बाद हाल ही में 10 दिसंबर को ये सभी राजधानी दिल्ली पहुंचे। सागर लखनऊ से ट्रेन पकड़कर पहुंचा, अमोल महाराष्ट्र से रवाना हुआ और नीलम अपने हिसार आई। ये सभी तय रणनीति के तहत दिल्ली के ही एक मेट्रो स्टेशन पर मिले। उस रात ये सभी बाद में गुरुग्राम चले गए और वहां पर मनोरंजन के ही दोस्त विशाल शर्मा उर्फ विक्की के फ्लैट पर रुके। देर रात ललित भी ट्रेन से पहुंच गया और 11 की सुबह फ्लाइट से मनोरंजन भी दिल्ली आ गया।
इसके बाद संसद के पास के जुगाड़ की जिम्मेदारी सागर को सौंपी गई और उसने भी सांसद के एक पर्सनल असिस्टेंट से बात कर पास का इंतजाम कर लिया। इसके बाद सागर ही दिल्ली के सदर बाजार गया, वहां से भारत के दो झंडे लिए और फिर इंडिया गेट के लिए रवाना हो गया। वहां पर उसकी मुलाकात अपने ग्रुप से हुई और आगे की रणनीति पर काम शुरू हुआ। बताया जा रहा है कि इंडिया गेट पर ही इन सभी ने फिर आधे घंटे की एक मीटिंग की और फैसला हुआ कि संसद के अंदर सागर और मनोरंजन जाएंगे, वहीं प्रदर्शन करने का जिम्मा नीलम पर रहेगा।
उस समय इंडिया गेट पर ही येलो स्प्रे का भी इंतजाम किया गया और फिर मोची की मदद से उन्हें सागर और मनोरंजन ने अपने जूते में फिट करवाया। बड़ी बात ये रही कि इन आरोपियों के पास येलो स्प्रे के अलावा कुछ पर्चे भी थे जिन्हें वो संसद में ही फेंकने वाले थे। लेकिन वारदात वाले दिन वो ये पर्चे फेंक पाते, उससे पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। उन पर्चों पर कई तरह के नारे लिखे थे- फिर चाहे वो हिंदुस्तान जिंदाबाद हों या हो लोकतंत्र बचाओ संविधान बचाओ।
अभी के लिए ये सभी आरोपी दावा कर रहे हैं कि उन्हें तो बेरोजगारी, गरीबी जैसे मुद्दे उठाने थे, वे चाहते थे कि सरकार इन मुद्दों पर कुछ करे। इसी वजह से इस तरह के प्रदर्शन को अंजाम दिया गया। लेकिन पुलिस को ये बड़ी साजिश का हिस्सा लग रहा है, कोर्ट ने भी गंभीरता समझते हुए सभी आरोपियों की सात दिन की रिमांड दे दी है।