संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना सामने आई। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए। उन्होंने नारेबाजी की और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर केन से रंगीन धुआं छोड़ा और तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए। इस बीच आरोपी मनोरंजन डी के पिता ने दावा किया कि पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने उनके बेटे को इंजीनियरिंग सीट दिलाने में मदद की थी।
आरोपी मनोरंजन डी बेंगलुरु के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है। 34 साल की उम्र में भी उसने अपनी डिग्री हासिल करने के 10 साल बाद भी कभी नौकरी करने की जहमत नहीं उठाई। मनोरंजन की इस हरकत से उसके परिवार को सदमा लगा है क्योंकि संसद के अंदर इस हमले के विपरीत, वह अक्सर समाज के लिए अच्छा करने की इच्छा व्यक्त करता था। मनोरंजन के पिता देवराज गौड़ा, जो पेशे से किसान हैं, उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने शादी करने से भी इनकार कर दिया था और मैसूर से बेंगलुरु और दिल्ली और अन्य कई जगहों पर लगातार यात्रा करता रहता था। इसके अलावा वह ज्यादातर समय किताबें पढ़ने में बिताता था।
पिता देवराज ने दावा किया कि उन्हें अपने बेटे के कारनामों के बारे में तब पता चला जब मीडिया ने संसद हमले के बारे में खबरें दिखानी शुरू कीं। परेशान देवराज ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह दिल्ली कब गया। मैसूर के सेंट जोसेफ कॉलेज में अपनी प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा पूरी करने के बाद मनोरंजन ने अपनी स्कूली शिक्षा मरिमल्लप्पा हाई स्कूल से की थी। साथ ही बीआईटी, बेंगलुरु से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उनके पिता ने दावा किया कि पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने उनके बेटे को बेंगलुरु में इंजीनियरिंग सीट हासिल करने में मदद की थी
मनोरंजन के पिता देवराज ने कहा, “वह महंगे कपड़े नहीं पहनता था लेकिन किताबों पर दिल खोलकर खर्च करता था। उसने न तो अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया और न ही अपनी यात्रा के लिए छोटी रकम के अलावा कभी पैसे मांगे।” उन्होंने कहा, “अगर उसने कोई राष्ट्रविरोधी गतिविधि की है तो उसे फांसी पर लटका दिया जाए।”
हालांकि, स्थानीय पुलिस के सूत्रों ने कहा कि मनोरंजन पिछले कुछ सालों में कई सोशल मीडिया ग्रुप्स में शामिल हो गया था। कुछ लोगों ने यह भी दावा किया था कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह पर एक फैन पेज था जहां संसद हमले के अन्य आरोपी भी जुड़े हुए थे। इस कट्टरपंथी एंगल को खारिज करते हुए देवराज ने दावा किया कि न तो उनके बेटे ने कभी कोई राष्ट्र-विरोधी भावना व्यक्त की और न ही वह किसी विशेष वैचारिक विचार या विश्वास के प्रति प्रतिबद्ध था।
पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना छह लोगों ने मिल कर बनाई थी और ये चारों लोग उसी समूह का हिस्सा हैं। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में एकत्र हुए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि मुख्य साजिशकर्ता कोई और है। सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है।