मध्य प्रदेश की कमान बीजेपी के नेता मोहन यादव ने संभाल ली है। सियासी जानकारों का मानना है कि बीजेपी ने उन्हें सीएम बनाने का फैसला न सिर्फ कांग्रेस की OBC रणनीति को ध्वस्त करने के लिए किया बल्कि यूपी और बिहार में यादव वोटर्स के लिए पहुंच बढ़ाने के लिए भी किया है।
एमपी के लिए किया गया बीजेपी का फैसला यूपी और बिहार में सपा और राजद को कितना नुकसान पहुंचाएगा, यह तो लोकसभा चुनाव के परिणाम ही बताएंगे। लेकिन इससे पहले एक प्राइवेट न्यूज चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश यादव से जब ऐसा ही सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि PDA ही NDA को हराएगा।
उन्होंने कहा, “पीडीए ही एनडीए को हराएगा। मोहन यादव को बधाई देता हूं कि बड़े पद पर बड़ी पार्टी ने आपको मौका दिया है। मुझे उम्मीद है PDA का आप ख्याल रखेंगे। एमपी में सबसे ज्यादा PDA है। मुझे उम्मीद है कि वो पहली कैबिनेट का फैसला पिछड़ों को 27% आरक्षण का होगा।”
ऐसे ही एक सवाल के जवाब में सपा के प्रवक्ता सुनील सिंह यादव ने लखनऊ में कहा, “किसे सीएम बनाना है, यह बीजेपी का इंटरनेल विषय है लेकिन क्या मोहन यादव जी एमपी में कास्ट सेंसस की घोषणा कर पाएंगे?” उन्होंने कहा कि RSS और BJP को उन ताकतों द्वारा चलाया जाता है, जो रिजर्वेशन और आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व के खिलाफ मुखौटे स्थापित करती है।
एमपी कांग्रेस पार्टी के साथ सीट शेयरिंग से जुड़े एक सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी कोशिश थी कि सपा-कांग्रेस साथ लड़ें लेकिन उनके जानकार लोग ही बता सकते हैं कि उन्होंने साथ क्यों नहीं लिया। इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर उन्होंने कहा कि इन परिणामों के बाद अब फैसला इस बात पर होगा कि यूपी में बीजेपी को कौन हरा पाएगा। यूपी में सपा दलों को कैसे साथ लेगी इसपर हम विचार कर सकते हैं।