Karnataka Hijab Row: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राज्य में शनिवार से हिजाब पर प्रतिबंध के आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया है। सिर पर हिजाब पर प्रतिबंध बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार द्वारा लगाया गया था। सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (सिर पर स्कार्फ) पहनने पर प्रतिबंध 23 दिसंबर से हटा दिया जाएगा, सिद्धारमैया ने कहा कि पोशाक और भोजन का विकल्प व्यक्तिगत है और किसी को भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर लगे बैन को हटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि अपनी पसंद के कपड़े पहनना हर किसी का अधिकार है। मैंने हिजाब पर लगे बैन को हटाने के निर्देश दिए हैं। पीएम मोदी का ‘सब का साथ, सब का विकास’ का नारा फर्जी है। बीजेपी परिधान और जाति के आधार पर लोगों और समाज को बांट रही है।’
इसी साल अक्टूबर में राज्य सरकार ने परीक्षाओं के दौरान छात्रों को हिजाब पहनने की मंजूरी दी थी। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार राज्य में हिजाब पर लगे बैन को पूरी तरह से हटा सकती है।
फरवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में क्लासरूम के भीतर हिजाब पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद एक-एक कर कई शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके बाद कर्नाटक की तत्कालीन बसवराज बोम्मई सरकार ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाने के आदेश दिए थे।
बोम्मई सरकार ने कहा था कि कोई भी परिधान जिससे समानता, सार्वजनिक कानून एवं व्यवस्था बाधित होगी, उसकी मंजूरी नहीं दी जाएगी। सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में जमकर विरोध-प्रदर्शन हुआ था। साथ ही काफी विवाद भी हुआ था। अंत में यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद इस मुद्दे पर काफी सियासत हुई थी। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया था। कोर्ट की खंडपीठ ने चीफ जस्टिस से अनुरोध किया था कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जाए। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।