पाकिस्तानी खुफिया विभाग के लिए जासूसी करने के आरोप में एक जवान को सजा सुनाई गई है। दिल्ली कैंट में जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा सेना के एक जवान को पांच साल के कठोर कारावास (RI) की सजा सुनाई गई और उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। नायक रैंक का जवान राजपूताना राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर में तैनात था और मूल रूप से 22 राजपूताना राइफल्स का था। जवान ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के प्रावधानों के विपरीत जाकर पाकिस्तानी खुफिया संचालकों को गोपनीय जानकारी देने के लिए अपने खिलाफ लगाए गए कई आरोपों को स्वीकार कर लिया है।
जवान को जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान सहित देश भर में सेना की गतिविधियों के बारे में पाकिस्तानी एजेंटों को जानकारी देते हुए पाया गया था। उसे तस्वीरों के अलावा एक्सरसाइज के लिए सेना की आवाजाही, विभिन्न संरचनाओं में रेजिमेंटों और बटालियनों के बिजनेस के बारे में जानकारी देते हुए भी पाया गया था।
जवान को पश्चिमी कमान सहित विभिन्न पोस्ट के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के नामों और ऑर्डर ऑफ बैटल (ORBAT) की एक सूची इकठ्ठा करते हुए पाया गया था। वहां ऐसे संदेश भी मिले जहां उसने पाकिस्तानी खुफिया संचालकों से पैसे की मांग की थी।
जवान के खिलाफ पहला आरोप सेना अधिनियम की धारा 69 के तहत था, जिसमें फरवरी 2019 और अप्रैल 2020 के बीच अपने मोबाइल फोन नंबर से कुछ अज्ञात लोगों के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से सैन्य जानकारी देने का आरोप लगाया गया था। ये जानकारी वहां की खुफिया एजेंसियों के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उपयोगी साबित हो सकती थी।
धारा 69 के तहत दूसरे आरोप में उस पर सैन्य सूचनाओं के नोट्स बनाने का आरोप लगाया गया जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दुश्मन के लिए उपयोगी हो सकते हैं। सेना अधिनियम की धारा 63 के तहत तीसरे आरोप के अनुसार उस पर श्रीनगर में मुख्यालय 15 कोर के जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 1 के दो रबर स्टांप पाए जाने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा उसके पास से एक मोंटेसरी स्कूल की मोहर और सिटी मांटेसरी स्कूल के प्रिंसिपल की एक मोहर मिली। अधिनियम की धारा 69 के तहत चौथा आरोप जवान पर सेना के नियमों के विपरीत, ‘बीन वेव्स’ और ‘वन वर्ल्ड’ कंपनी के साथ अनुचित तरीके से चेन मार्केटिंग व्यवसाय में शामिल होने का आरोप लगाया गया।