देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। जहां एक तरफ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी संगठन को मजबूत करने के प्रयास कर रही है वहीं कांग्रेस ने भी कुछ नए ऐलान किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को कांग्रेस संगठन में लंबे समय बाद बदलाव किए हैं। जहां महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उत्तर प्रदेश के प्रभार से मुक्त कर दिया गया वहीं सचिन पायलट छत्तीसगढ़ का प्रभारी महासचिव बनाया गया है। कांग्रेस ने कई प्रभारियों और पदों पर नए नाम शामिल कर लोकसभा चुनाव की तैयारियों का अलार्म बजा दिया है। प्रियंका गांधी को बिना किसी निर्धारित पोर्टफोलियो के महासचिव कायम रखा गया है। चर्चा है कि उन्हें संगठन में बड़ी भूमिका दी जा सकती है। सचिन पायलट का नाम सामने आने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस में होने वाले फेरबदल को लेकर भी अलग-अलग तरह की सियासी चर्चाएं चल पड़ी हैं।
प्रियंका गांधी की जगह अब उत्तर प्रदेश का प्रभारी अविनाश पांडे को बनाया गया है। वह इससे पहले झारखंड के प्रभारी थे। ऐसा माना जा रहा था कि प्रियंका गांधी यूपी प्रभारी के रूप में बने रहने की इच्छुक नहीं थीं, जहां उन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनावों में महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित एक आक्रामक अभियान का नेतृत्व किया था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली थी। पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और पार्टी विधानसभा चुनावों में सिर्फ दो सीट हासिल कर पाई थी।
कांग्रेस ने और भी कई बड़े बदलाव किए हैं। मुकुल वासनिक को गुजरात का प्रभारी बनाया गया है, वह इससे पहले कई राज्यों के प्रभारी रह चुके हैं, कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ से उत्तराखंड भेजा गया है देवेंद्र यादव को उत्तराखंड से पंजाब शिफ्ट किया गया है। मनिकम टैगोर को गोवा से आंध्र प्रदेश भेजा गया है और मोहन प्रकाश को इस बार बिहार प्रभारी के रूप में वापस लाया गया है।
सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ की ज़िम्मेदारी दिए जाने के बाद अब चर्चा छिड़ गई है कि पार्टी राजस्थान को लेकर क्या प्लान बना रही है? दरअसल राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को लेकर नाम आलाकमान को ही तय करना है, फिलहाल सचिन पायलट भी इस दौड़ में शामिल हैं, लेकिन जब पार्टी ने उन्हें महासचिव की ज़िम्मेदारी दे दी है तो वह इस चर्चा से बाहर होते दिखाई दे रहे हैं।