पंजाब के फ़िरोज़पुर सेंट्रल जेल से पिछले 4 सालों में 43,000 फोन कॉल की गई है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन सेल (SOC) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में जेल अधिकारियों की भूमिका की जांच कैसे और क्यों नहीं की गई? फ़िरोज़पुर सेंट्रल जेल से कथित तौर पर करोड़ों रुपये का ड्रग रैकेट संचालित हो रहा है।
न्यायाधीश एनएस शेखावत की पीठ ने अदालत में मौजूद विशेष डीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) आरएन ढोके से कहा, “जेल से करोड़ों रुपये का ड्रग रैकेट चल रहा है। मामले को जांच के लिए सीबीआई और ईडी को भेजेंगे। आप इसमें एक पक्ष हैं। जेल से 43,000 कॉल किए जा रहे हैं और एक भी जेल अधिकारी को एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है।”
कोर्ट ने गीतांजलि द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गीतांजलि को तीन कैदियों के एक गिरोह के सहयोगी के रूप में नामित किया गया है जो जेल के अंदर से ड्रग रैकेट चला रहे थे। फाजिल्का के स्पेशल ऑपरेशन सेल द्वारा 28 मार्च को फिरोजपुर सेंट्रल जेल के तीन कैदियों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें बताया गया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज अलग-अलग मामलों में जेल में बंद राज कुमार, सोनू टिड्डी और अमरीक सिंह ने जेल के अंदर एक गिरोह बनाया था और ड्रग रैकेट चला रहे थे। इसमें गीतांजलि और नीरू बाला उनकी सहयोगी थीं।
एडीजीपी जेल ने एक हलफनामे में बताया कि राज कुमार उर्फ राजा द्वारा इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन 1 मार्च 2019 से 31 मार्च, 2019 तक एक ही लोकेशन पर सक्रिय रहा जो सेंट्रल जेल (फिरोजपुर) है। कॉल डिटेल के मुताबिक इस नंबर से 38,850 कॉल की गईं। एक अन्य मोबाइल भी 9 अक्टूबर, 2021 से 14 फरवरी, 2023 तक जेल में सक्रिय रहा और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के अनुसार इस नंबर का उपयोग करके 4,582 कॉल किए गए थे। जैसे ही सुनवाई फिर से शुरू हुई जस्टिस शेखावत ने कहा कि एक कैदी द्वारा जेल से एक महीने में 38,000 कॉल किए गए थे और संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई जांच नहीं करना अक्षमता की ओर इशारा करता है।
न्यायमूर्ति शेखावत ने विशेष पुलिस महानिदेशक से कहा, “आप अपराध की भयावहता देख सकते हैं लेकिन आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। आपने जेल अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है?