Mobile Numbers Registered on Your Name: भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही सिम कार्ड की बिक्री में भी लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। आजकल अधिकतर लोगों के पास दो से ज्यादा सिम कार्ड्स हैं। इसके चलते सिम कार्ड से जुड़े स्कैम और फ्रॉड की संख्या भी बढ़ी है। अगर आप यह चेक करना चाहते हैं कि आपके नाम पर कितने सिम कार्ड रजिस्टर्ड हैं तो आप भारत सरकार के संचार साथी (Sanchar Saathi) पोर्टल पर जा सकते हैं। और अपने आधार से लिक सिम कार्ड के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
अब सामने खुलने वाले वेब पेज पर आपको अपने नाम पर चल रहे सभी एक्टिव मोबाइल नंबर की लिस्ट दिख जाएगी। अगर आपको कोई ऐसा मोबाइल नंबर दिखता है जो संदिग्ध है तो आप बांयीं तरफ दिखने वाले टिक बॉक्स पर क्लिक करके रिपोर्ट कर सकते हैं। यहां पर ‘Not My Number’ ऑप्शन चुनें और फिर नीचे दिए गए Report बटन पर क्लिक करके प्रोसीड करें।
ऐसा करने से टेलिकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट को यह जानकारी मिल जाएगी कि नंबर आपका नहीं है। और सरकार उस नंबर पर इस्तेमाल की जा रही सभी सर्विसेज को रोक देगी।
अगर आपको कोई ऐसा मोबाइल नंबर दिखता है जिसकी अब जरूरत नहीं है तो आप ‘Not required’ का ऑप्शन चुन सकते हैं। आप ‘Required’ का ऑप्शन भी चुन सकते हैं और फिर ‘Report’ बटन पर टैप करके आप सरकार को यह बता सकते हैं कि इस मोबाइल नंबर को आप इस्तेमाल कर रहे हैं।
आपको बता दें कि भारत सरकार एक व्यक्ति के नाम पर अधिकतम 9 सिम कार्ड चलाने की अनुमति देती है।
हाल ही में पंजाब पुलिस ने 1.8 लाख ऐसे सिम कार्ड ब्लॉक किए थे जिन्हें गैरकानूनी तरीके से फर्जी पहचानपत्र का इस्तेमाल करके खरीदा गया था। इनमें 500 सिम कार्ड्स ऐसे थे जो एक सिंगल फोटो पर जारी किए गए थे और इनमें नाम व पता अलग-अलग थे। जांच एजेंसियों ने एक ऐसे नेक्सस को भी पकड़ा था जिसमें कुछ डीलर्स ने बिना डॉक्युमेंट वेरिफाई किए 67,000 सिम कार्ड्स बेच डाले थे।
फिलहाल, टेलिकॉम प्रोवाइडर्स को सिम कार्ड बेचने वाले डीलर्स की लिस्ट मेंटेन करने की जरूरत नहीं पड़ती है। शायद यह भी एक बड़ी वजह है कि देश में लगातार फेक पहचान पत्र के तहत रजिस्टर्ड सिम कार्ड मिलने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए Department of Telecom (DoT) ने मोबाइल कनेक्शन की बल्क सेल (थोक बिक्री) को बंद कर दिया है। और डीलर्स को अपना काम जारी रखने के लिए अब एक साल के अंदर टेलिकॉम ऑपरेटर्स के साथ रजिस्टर होना होगा।
टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा था कि संचार साथी पोर्टल जबसे लॉन्च हुआ है तब से भारत सरकार 52 लाख मोबाइल नंबर बंद कर चुकी है। इन मोबाइल नंबर को फेक डॉक्युमेंट के जरिए हासिल किया गया था।