पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आम चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है। इमरान खान को कोर्ट से जमानत मिल गई है। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सिफर मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के पूर्व अध्यक्ष इमरान खान और उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी की जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है।
इमरान और कुरैशी दोनों ही सिफर केस में आरोपी थे। दोनों को 10 लाख पाकिस्तानी रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी गई है। तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से ही इमरान खान अगस्त से जेल में हैं। दोनों नेताओं की जमानत का आदेश सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने दिया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जमानत 8 फरवरी 2024 को होने वाले पाकिस्तान संसदीय चुनाव से पहले हुई है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा इमरान खान के जेल मुकदमे को शून्य घोषित करने के बाद आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 2023 के तहत स्थापित विशेष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में पीटीआई संस्थापक को फिर से सिफर मामले में दोषी ठहराया था।
सिफर केस राजनयिक दस्तावेजों से जुड़ा केस है, जिसमें इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया था। आरोप है कि उन्होंने गुप्त दस्तावेज को सार्वजनिक कर देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया। पाकिस्तान की जांच एजेंसी का दावा है कि इमरान खान ने संबंधित डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट्स सरकार को वापस नहीं किए। अप्रैल 2022 में इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था। मई 2023 में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान को भ्रष्टाचार के आरोप में एनएबी ने गिरफ्तार किया था।
स्पेशल कोर्ट (ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट) ने सिफर केस का नए तरीके से पिछले हफ्ते ही ट्रायल शुरू किया था। इमरान खान और महमूद कुरैशी को केस में 13 दिसंबर को फिर से शामिल किए जाने के बाद अदियाला जेल में यह ट्रायल चलाया गया, जहां इमरान खान बंद हैं। दोनों नेताओं ने कोर्ट के सामने आरोप कबूल नहीं किया था। ट्रायल अदियाला जेल में ही चला और चार गवाहों ने अपना बयान भी दर्ज करा दिया था लेकिन इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने ट्रायल को किसी कारण से खारिज कर दिया था।