जम्मू-कश्मीर में एक शख्स को 5 साल के बाद अपने घर की खिड़कियां खोलने की इजाजत मिली है। बडगाम निवासी इस व्यक्ति के घर की खिड़कियों को उसका पड़ोसी ‘प्राइवेसी का उल्लंघन’ बताकर खोलने नहीं दे रहा था। सिविल कोर्ट ने पड़ोसी की दलीलों को स्वीकार भी कर लिया था लेकिन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया है।
हाई कोर्ट ने माना कि पड़ोसी अब्दुल गनी शेख की दलीलों में कोई दम नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने बडगाम निवासी गुलाम नबी शाह को घर की खिड़कियों को खोलने की इजाजत दे दी।
बात लगभग 5 साल पहले की बात है। साल 2013 में कश्मीर के रहने वाले गुलाम नबी शाह ने अपनी जमीन पर घर बनवाया था। इसके बाद उनके पड़ोसी अब्दुल घनी शेख ने गोपनीयता का हवाला देते हुए शाह के घर की खिड़की की स्थिति पर आपत्ति जताई थी। स्थानीय अदालत ने शेख के पक्ष में फैसला सुनाते हुए शाह को खिड़की बंद रखने का निर्देश दिया था। पड़ोसी ने लोकल कोर्ट में कहा कि शाह के घर की खिड़की मेरी जमीन में आती है। ये मेरे प्राइवेसी का उल्लंघन है। लोकल कोर्ट ने अब्दुल घनी शेख की बात मान ली और शाह को आदेश दिया कि अपनी खिड़की बंद रखें। मामला हाई कोर्ट पहुंचने के बाद अब पांच साल बाद शाह को खिड़की खोलनी की इजाजत मिली।
साल 2018 में लोकल कोर्ट शेख के तर्क से सहमत हो गया था। शेख ने तीन दावे किए थे। पहला ये कि गुलाम शाह के घर की छत उनके घर की दिशा में ढलान वाली है, जिसकी वजह से बर्फ उनकी जमीन पर गिरती है। दूसरा- नाली के पाइप इस तरह से लगाए गए थे कि पानी शेख की संपत्ति में बहता था। तीसरा- शाह के घर की खिड़कियां उनकी संपत्ति की ओर हैं और ये उनकी निजता का उल्लंघन है।
ट्रायल कोर्ट ने गुलाम नबी शाह को अपना घर बनाने का काम जारी रखने की इजाजत दी लेकिन कहा कि शेख की संपत्ति की ओर खिड़की बंद रखने का आदेश दिया। जिसके बाद स्थानीय कोर्ट के आदेश के खिलाफ गुलाम नबी शाह हाईकोर्ट पहुंच गए पर शेख कोर्ट नहीं आए। हाई कोर्ट ने शाह के फेवर में आदेश पारित किया। हाई कोर्ट ने शाह का पक्ष लेते हुए उनकी संपत्ति पर खिड़कियां खोलने का अधिकार जताया और अपनी प्राइवेसी की रक्षा करने की जिम्मेदारी शेख पर डाल दी। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार गुलाम नबी शाह को अपने घर की खिड़की खोलने की अनुमति दी गई।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि शाह को अपनी संपत्ति पर बनी खिड़कियां खोलने का अधिकार है, भले ही खिड़की का मुंह शेख की संपत्ति की ओर है। अपनी प्राइवेसी सुनिश्चित करना शेख की खुद की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने गुलाम नबी शाह को अपने घर की खिड़की खोलने की इजाजत दी।