Latest Breaking News in Hindi:संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 141 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किए जाने के बाद टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ अब दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। डिफेंस कॉलोनी थाने में अभिषेक गौतम नाम के एक वकील ने शिकायत दर्ज कराई है, जिसे पुलिस ने स्वीकार किया है। अभिषेक ने अपनी शिकायत में उपराष्ट्रपति धनखड़ के अपमान का दावा कर तृणमूल सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। डीसीपी साउथ ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि संसद में भारत के उपराष्ट्रपति की मानहानि का आरोप लगाते हुए एक वकील ने शिकायत दी है। इसे नई दिल्ली जिले को भेजा जा रहा है और तथ्यों की जांच की जा रही है। वहीं, ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने संसद से 141 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंगलवार को हस्तक्षेप की मांग की। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने मांग की कि सांसदों को शीतकालीन सत्र के शेष भाग में भाग लेने की अनुमति दी जाए।
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “यह कुछ नहीं था, यह फोटो सेशन की चौथी मीटिंग थी। लालू यादव और नीतीश कुमार प्रेस कांफ्रेंस में भी मौजूद नहीं रहें, उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया। अब उस INDI गठबंधन का क्या होगा? यह गठबंधन पूरी तरह से फेल है।”
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा की गई मिमिक्री एक्ट को फिल्माने के लिए राहुल गांधी की निंदा करने पर कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, “वह केवल तस्वीरें लेने के लिए राहुल गांधी की निंदा कैसे कर सकते हैं? वहां बहुत सारे लोग तस्वीरें ले रहे थे।”
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लोकसभा के 49 और सदस्यों को सदन से निलंबित किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने सरकार पर निशाना साधते हुए संसद को संविधान की कब्रगाह बताया और इसकी तुलना उत्तर कोरियाई सदन से की। शिरोमणि अकाली दल की नेता और सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यहां संविधान की कब्रगाह नजर आ रही है। उन्होंने संसद के बाहर कहा, ‘‘विपक्षी सांसदों का काम संसद में सवाल पूछना है, लेकिन उन्हें अपना काम करने पर बाहर निकाल दिया जाता है, देखिए यह नया भारत है।
लोकसभा सचिवालय ने निलंबित सांसदों के लिए परिपत्र जारी कर उन्हें संसद कक्ष, लॉबी और दीर्घाओं में प्रवेश करने से रोका है। कई विपक्षी सांसदों के निलंबन पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है, अगर सांसद अपनी बात नहीं रख पाते और उन्हें निलंबित कर दिया जाता है तो मैं समझता हूं कि यह लोकतंत्र की समाप्ती की ओर एक कदम केंद्र सरकार उठा रही है।”
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कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों से विपक्षी दलों के 141 सांसदों के निलंबन को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि सुरक्षा चूक के मामले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सिम्हा से अब तक पूछताछ क्यों नहीं की गई जिन्होंने दोनों आरोपियों को संसद में प्रवेश दिलाने में मदद की थी।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शरत पटनायक के नेतृत्व में ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने विपक्षी सांसदों के निलंबन की कड़ी निंदा करते हुए राज्यपाल रघुबर दास के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। नेताओं ने अपने ज्ञापन में सांसदों के निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण और अलोकतांत्रिक करार दिया। नेताओं ने अपने ज्ञापन में कहा, ‘‘ बहस और चर्चा लोकतंत्र का एक प्रमुख सिद्धांत है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा केंद्र सरकार को संसद में कोई बहस और चर्चा पसंद नहीं है।’’