Parliament Security Breach Case: संसद की सुरक्षा में 13 दिसंबर को सेंध के बाद गृह मंत्रालय ने जांच का आदेश दिया था। इसके कुछ दिनों बाद CRPF डीजी अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने तीन मौकों पर क्राइम सीन रिक्रिएट किया। जांच टीम ने घटना वाले दिन ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ भी की और संसद सिक्योरिटी सर्विस से उनकी संख्या के बारे में विवरण मांगा।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि डीजी अनीश दयाल सिंह ने अर्धसैनिक बलों और खुफिया एजेंसियों के आईजी रैंक के अधिकारियों, दिल्ली पुलिस के सिक्योरिटी विंग के एक जेसीपी-रैंक के अधिकारी के साथ मामले की जांच कर रहे हैं।
एक सूत्र ने कहा, ‘सीआरपीएफ डीजी और जांच समिति के अन्य सदस्यों ने पहली बार 15 दिसंबर को संसद परिसर का दौरा किया था। जांच टीम ने सभी सुरक्षा कर्मियों को अपने निर्धारित ड्यूटी स्थानों पर जाने के लिए कहा, जबकि दो अधिकारियों ने घुसपैठियों सागर शर्मा और मनोरंजन डी की भूमिका निभाई’।
सूत्रों के मुताबिक, ‘जांच समिति के सदस्यों ने कुछ नोट्स लिए। संसद की सुरक्षा में चूक के लिए लोकसभा सचिवालय द्वारा निलंबित किए गए 8 सुरक्षाकर्मियों को सीन रिक्रिएशन में नहीं बुलाया गया था, लेकिन जांच समिति आने वाले दिनों में उनके बयान दर्ज कर सकती है। जांच कमेटी के सभी आईजी रैंक के अधिकारी 16 दिसंबर को फिर संसद परिसर में आए और दोबारा सीन क्रिएट किया। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ की और संसद की सुरक्षा के लिए लगे उपकरणों की भी जांच की। जांच समिति के सदस्यों ने सोमवार को भी इसकी प्रैक्टिस की।’
दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों के सोशल मीडिया खातों और अब हटाए गए फेसबुक पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ के विवरण तक पहुंचने के लिए फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा को पत्र लिखा है। इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस ने गूगल पे से भी संपर्क साधा है। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। ‘भगत सिंह फैन क्लब’ के जरिये ही ये आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में आए थे।
दिल्ली पुलिस सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पुलिस ने सभी आरोपियों के बैंक खाते का विवरण भी एकत्र किया है ताकि यह पता किया जा सके कि क्या उन्हें 13 दिसंबर की घटना को अंजाम देने के लिए किसी से पैसे मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने यह जानने के लिए गूगल पे और पेटीएम से भी संपर्क किया है कि क्या आरोपियों के बैंक खातों में कोई डिजिटल लेन-देन हुआ था। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की विभिन्न टीम ने रविवार को आरोपियों के परिजनों से संपर्क किया था और उनके बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया।
सूत्रों के अनुसार, नीलम देवी और सागर शर्मा की बैंक पासबुक क्रमशः हरियाणा के जींद और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उनके आवास से जब्त की गईं। दिल्ली पुलिस की ‘काउंटर इंटेलिजेंस’ इकाई ने आरोपी व्यक्तियों के सोशल मीडिया खाते तक पहुंचने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप की मालिक मेटा को लिखा है और फेसबुक पेज ‘भगत सिंह फैन पेज’ जैसे सदस्यों की संख्या आदि का विवरण मांगा है। यह पेज आरोपियों द्वारा बनाया गया था और बाद में हटा दिया गया।
सूत्रों ने कहा कि मेटा से आरोपियों की व्हाट्सऐप चैट साझा करने का भी अनुरोध किया गया है, क्योंकि उनके मोबाइल फोन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पुलिस के अनुसार, संसद सुरक्षा चूक की साजिश के ‘साजिशकर्ता’ ललित झा ने राजस्थान के नागौर में अपना मोबाइल फोन फेंक दिया और अन्य आरोपियों के मोबाइल फोन जला दिए।
पुलिस के अनुसार, ललित घटना के बाद वहां भाग गया था। बाद में, पुलिस ने झा की निशानदेही पर टूटे और जले हुए मोबाइल फोन के टुकड़े बरामद किए। इन हिस्सों को फॉरेंसिक विभाग में यह पता करने के लिए भेजा गया है कि क्या इनसे ‘डेटा रिकवर’ किया जा सकता है।
2001 में हुए संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी के दिन यानी 13 दिसंबर 2023 को संसद में सुरक्षा चूक का मामला सामने आया था। इस दौरान दो शख्स संसद की दर्शक दीर्घा से मुख्य एरिया में कूद गए थे और कैन से रंगीन धुआं छोड़ा था। जिससे बाद संसद परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया था। संसद परिसर के बाहर भी नारेबाजी करते और धुंआ छोड़ते हुए एक युवक और एक महिला को सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ा लिया था। मौके पर मौजूद दो अन्य आरोपी फरार हो गए। हालांकि, बाद में सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।