Parliament Security Breach: संसद में 13 दिसंबर को जो कुछ भी हुआ उसको लेकर एक बार फिर से संसद की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। विपक्षी इंडिया गठबंधन दल के नेता इस मसले पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांग रहे हैं। हालांकि, पीएम मोदी और अमित शाह सुरक्षा चूक को लेकर इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दे चुके हैं, लेकिन सोमवार को जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई वैसे ही विपक्षी सासंदों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद सोमवार को 78 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। जिसमें राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों के सांसद शामिल हैं। कुल मिलाकर 13 दिसंबर से 18 दिसंबर तक 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।
इसके बाद मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, वैसे ही एक बार फिर से विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरु कर दिया। विपक्षी सांसद सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने लगे। हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने इस पर आपत्ति भी जताई, लेकिन विपक्षी सांसदों ने अपना विरोध बंद नहीं किया और संसद की कार्यवाही को एक बार के लिए स्थगित कर दिया गया।
इसी बीच बीजेपी संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी सांसदों के रवैये को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों का व्यवहार संसद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। पीएम ने कहा कि हम देश बनाने की सोच रहे हैं, लेकिन यह लोग देश उखाड़ने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों को भाषा की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। आलोचना का जवाब मर्यादा में दें।’
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 92 सांसदों के निलंबन पर कहा, ‘आज तक न जाने कितने विरोध-प्रदर्शन इस तरह के हुए, लेकिन इस बार मोदी-शाह दोनों लोग सदन में नहीं आना चाहते। जबकि बाहर अपना लेक्चर दे रहे हैं। वो कभी वाराणसी जाते हैं तो कभी अहमदाबाद। इन लोगों ने सदन में न आकर एक तरह से सदन की गरिमा का अपमान किया है।’
खड़गे ने आगे कहा, ‘जो लोग लोकतंत्र का अपमान करते हैं, वही हमको पाठ पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि सदन के दोनों स्पीकर और चेयरमैन सांसदों का प्रोटक्शन न करते हुए। उनको मनमाने तरीके से सस्पेंड किया गया। यह देश के इतिहास में पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को सस्पेंड किया गया है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। यह लोग डराकर देश के लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।’