विपक्षी गठबंधन INDIA के घटक दलों की बैठक मंगलवार को दिल्ली में होगी। इस मीटिंग में अगले लोकसभा चुनाव के लिए सीट के बंटवारे, साझा जनसभाओं और नए सिरे से रणनीति बनाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। यह बैठक दोपहर तीन बजे दिल्ली के अशोका होटल में होगी। उससे पहले शिवसेना (UBT) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय के जरिए कांग्रेस को बड़ी नसीहत दी गई है। इसमें पार्टी को अहंकार और मतभेद छोड़कर क्षेत्रीय दलों को उचित सम्मान देने को कहा है।
‘इंडिया का रथ! सारथी कौन’ शीर्षक से लिखे संपादकीय में कहा गया, “2024 की लड़ाई मोदी-शाह की नई बीजेपी से है। इसके साथ ही ईवीएम, इफरात पैसा और केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी है। इन सबके दम पर मोदी मंडल ने अब की बार चार सौ पार का आंकड़ा सेट कर दिया है। ऐसे समय में बड़े भाई के तौर पर कांग्रेस को आगे आकर एकता का जज्बा दिखाना चाहिए।”
इसमें आगे लिखा है, “कांग्रेस को गठबंधन के महत्व को सीखना चाहिए। ‘इंडिया’ का महत्व बढ़ाया जाना चाहिए। आज रथ में 27 घोड़े हैं लेकिन रथ का कोई सारथी नहीं है, जिसके चलते रथ अटक गया है। इंडिया गठबंधन को संयोजक, समन्वयक, निमंत्रक की जरूरत है। अब सारथी नियुक्त करना होगा।”
लेख में लिखा गया है कि 2024 के लिए इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन? ये भी तय करना होगा। मोदी के सामने कौन है? यह सवाल है। उस सवाल का जवाब देना होगा। सामना में आगे लिखा है, “हमारे पास प्रधानमंत्री पद के लिए बहुत सारे चेहरे हैं। च्वॉइस ही च्वॉइस है, ऐसा कहना दिल बहलाने के लिए ख्याल अच्छा है जैसा ही है। गठबंधन को कॉर्डिनेटर की जरूरत है, एक चेहरे की जरूरत है। अगर कांग्रेस को भाजपा को हराना है तो उसे अपने मित्रों के साथ इन विषयों पर चर्चा करके निर्णय लेना होगा। सिर्फ महान बनने का दिखावा करने से काम नहीं चलेगा।”
सामना में लिखा है, “यह अच्छा है कि कांग्रेस ने इस बैठक की पहल की। लेकिन देखना ये होगा कि कांग्रेस के निमंत्रण का सम्मान करते हुए कितने बाराती और कितने बैंड बाजेवाले जुटते हैं। ऐसी अफवाह थी कि अरविंद केजरीवाल बैठक में नहीं आएंगे, यह सच नहीं है। उनके बिना दिल्ली और पंजाब की समस्या कैसे सुलझेगी?”
आगे लिखा है, “कांग्रेस को 40 फीसदी वोट मिले फिर भी वह मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ हार गई। ये तीनों राज्य ‘इंडिया’ ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने गंवाए। कांग्रेस जीत का केक अकेले खाना चाहती थी इसलिए राज्य की छोटी पार्टियों और गठबंधन को दूर रखा गया। जहां पर कांग्रेस के खुद के दम पर जीतने की संभावना पैदा होती है, वहां पर वह किसी को भी साथ लेने को तैयार नहीं होती और अपने अहंकार के साथ-साथ ‘इंडिया’ का भी नुकसान करती है।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सकारात्मक एजेंडा तय करने, सीट के बंटवारे, नए सिरे से रणनीति बनाने, और साझा जनसभाओं को लेकर मुख्य रूप से चर्चा संभव है। बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद किया जाएगा।