देश में जातिगत जनगणना (Caste Census) पर सियासी चर्चा जमकर हो रही है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टी इस मसले पर लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। अब महाराष्ट्र के विदर्भ रीजन के RSS सरसंघचालक श्रीधर गाडगे ने कहा कि जातिगत जनगणना व्यर्थ एक्सरसाइज साबित होगी और यह सिर्फ कुछ लोगों के सियासी मोटिव ही पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि देश में जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए। किसी भी हालत में इससे क्या हासिल होगा? उन्होंने रिपोर्टर्स से नागपुर में कहा कि यह विभिन्न जातियों की संख्या तो पता लगाएगा लेकिन यह समाज या देश के हित में कहीं भी नहीं है।
हालांकि इस दौरन जब उनसे आरक्षण पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जाति जनगणना और रिजर्वेशन (Reservation) आपस में लिंक नहीं है। RSS रिजर्वेशन को सपोर्ट करता है। यह मानता है कि रिजर्वेशन पिछड़े हुए तबकों के उत्थान के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन बिना कास्ट सेंस के भी आगे बढ़ाया जा सकता है।
श्रीधर गाडगे के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने संघ पर पलटवार किया। गाडगे की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर वडेट्टीवार ने कहा, “RSS द्वारा जाति जनगणना का विरोध करना स्वाभाविक है क्योंकि हम जानते हैं कि उनकी (सोचने की) दिशा क्या है। वे नहीं चाहते कि राज्य में हो या राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़े वर्ग के लोग प्रगति करें। उनकी सोच है कि वे पिछड़े रहें और उनके गुलाम बने रहें। यही उनकी विचारधारा है जिसे हर कोई जानता है।”
वडेट्टीवार ने कहा कि वे जानते हैं कि अगर राष्ट्रव्यापी जाति-आधारित जनगणना की जाती है, तो लोग अपनी आबादी के अनुपात में अपना अधिकार मांगेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, “वे जानते हैं कि ऐसी जनगणना पिछड़े समुदायों को मजबूत करेगी और उन्हें चुनौती देंगे।”