साल 2023 खत्म हो रहा है। इस वर्ष सरकार ने कुछ बड़े आर्थिक फैसले लिए हैं। जब फरवरी में बजट पेश हुआ तो टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की गई। वहीं 2 हजार रुपये के नोट वापस लेने की भी घोषणा की गई। इस वर्ष सरकार ने कुछ ऐसे बड़े आर्थिक फैसले लिए, जिसका असर सीधा देश की जनता पर पड़ा। आइये जानते हैं सरकार के कुछ बड़े आर्थिक फैसलों के बारे में-
पीएम मोदी ने 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत अगर कोई भी व्यक्ति अपना व्यापार शुरू करना चाहता है तो उसे सरकार 3 लाख रुपये तक का लोन देती है। यह लोन बिना किसी गारंटी के मिलेगा। इस योजना का फायदा आम लोग भी उठा सकते हैं। पीएम मोदी ने इसका जिक्र 15 अगस्त को अपने भाषण में लाल किले से भी किया था।
रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने मई महीने में ₹2000 के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया था। हालांकि रिजर्व बैंक ने साफ किया था कि यह नोटबंदी नहीं है बल्कि ₹2000 के नोट को वापस लेने की प्रक्रिया है। भारत सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद ₹2000 के नोट को लांच किया था। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा था कि पर्याप्त मात्रा में नोट आ जाने के बाद उनका उद्देश्य पूरा हो गया था और इसलिए 2018 और 2019 से ही 2000 के नोट छापने बंद कर दिए गए थे।
लखपति दीदी योजना के शुरुआत की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के अपने भाषण से की थी। महिलाओं को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाने के लिए केंद्र सरकार ने ये पहल शुरू की थी। इस योजना के तहत महिलाओं को बजट, सेविंग, इन्वेस्टमेंट और अन्य फाइनेंशियल विषयों को समझाने पर जोर दिया जाएगा। इस योजना के तहत महिलाओं को छोटा लोन भी दिया जायेगा। पीएम मोदी ने कहा था कि मेरा सपना है गावों में 2 करोड़ महिलाएं लखपति बने।
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था। इस टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की गई थी, जिससे मिडिल क्लास के नागरिकों को सुविधा हुई। नए टैक्स स्लैब के अनुसार 3 लाख रुपये तक टैक्स रेट 0%, 3 से 6 लाख रुपये तक टैक्स रेट 5%, 6 से 9 लाख रुपये तक टैक्स रेट 10%, 9 से 12 लाख रुपये तक टैक्स रेट 15%, 12 से 15 लाख रुपये तक टैक्स रेट 20% और 15 लाख रुपये के ऊपर टैक्स रेट को 30% कर दिया गया।