मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की जगह अब जीतू पटवारी होंगे। प्रदेश में हार के बाद यह चर्चा कई दिनों से चल रही थी कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को खास तौर पर इस हार का जिम्मेदार कहा गया, ऐसे में सवाल उठे कि अब इन दोनों बड़े नेताओं की जगह कौन लेगा? और किसे पीसीसी की कमान सौंपी जाएगी। पार्टी ने शनिवार को ऐलान किया कि जीतू पटवारी प्रदेश के नए अध्यक्ष होंगे, यहां कई सवाल किए जा सकते हैं कि आखिर जीतू पटवारी कौन हैं? क्या राजनीति आधार रखते हैं और क्यों पार्टी ने उनके कंधों पर इतनी बड़ी हार के बाद यह ज़िम्मेदारी डाली है?
यह बात खुद जीतू पटवारी भी जानते हैं कि उन्हें मिली ज़िम्मेदारी इस हार के बाद कितनी बड़ी हो गई? और कितना मुश्किल होगा उन चुनौतियों से पार पाना जिन्हें वह अब फेस करने वाले हैं। 50 साल के जीतू पटवारी खुद भी इस चुनाव में भाजपा के मधु वर्मा से 35,000 से हार का सामना कर चुके हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों पार्टी ने फिर भी उनके ऊपर विश्वास जताया है, इसका जवाब कहीं ना कहीं बीजेपी की सीएम चुनने की रणनीति से मिलता-जुलता दिखाई देता है। दरअसल जीतू पटवारी मालवा निमाड़ क्षेत्र में ओबीसी समुदाय से आते हैं और उसी क्षेत्र से मुख्यमंत्री मोहन यादव भी आते हैं। 66 सीटों वाला यह क्षेत्र राज्य का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है, एक वजह यह भी है कि वह इस पद पर बैठाए गए हैं।
इंदौर के पास एक छोटे से शहर बिजलपुर में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार में जन्मे जीतू पटवारी ने इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू किया और धीरे-धीरे पार्टी में आगे बढ़ते गए। 2013 में वह पहली बार राऊ से विधायक चुने गए, यह सीट उन्होंने 2018 के चुनावों में बरकरार रखी। उन्होंने राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। वह पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट भी थे।