5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किए जाने के बाद राज्य में हुए बदलाव और आतंकी घटनाओं में कमी आने को प्रधानमंत्री ने बड़ी घटना बताई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को रद्द किए जाने पर अपनी मुहर लगा दी है। एक हिंदी अखबार को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा, “अब ब्रह्मांड की कोई ताकत इसे वापस नहीं ला सकती।” सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने कहा था कि राज्य में युद्ध के हालात की वजह से धारा 370 एक अंतरिम व्यवस्था के तहत लगाई गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को आत्मचिंतन करने की सलाह दी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि धारा 370 (3) के तहत अगस्त 2019 में राष्ट्रपति के आदेश जारी करने की शक्ति का उपयोग करने में कोई गड़बड़ी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “इस प्रकार हम राष्ट्रपति की शक्ति के प्रयोग को वैध मानते हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश भी दिया कि 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाएं।
इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अन्य मुद्दों पर अपनी बात खुलकर रखी। हाल के चुनावों से लेकर बीजेपी के संगठन तक पर उन्होंने अपनी बातें रखीं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मुख्यमंत्री के तौर पर अपेक्षाकृत ‘‘नए एवं अनजान’’ नेताओं को चुने जाने के सवाल पर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन नेताओं के पास बहुत अनुभव है और उन्होंने कड़ी मेहनत की है।
उन्होंने बीजेपी के चयन को लेकर सवाल खड़े करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश का यह दुर्भाग्य रहा है कि जो लोग अपनी वाणी से अपनी बुद्धि और अपने व्यक्तित्व से सामाजिक जीवन में प्रभाव पैदा करते हैं, उनका एक बहुत बड़ा वर्ग एक घिसी-पिटी, बंद मानसिकता में जकड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल राजनीतिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। जीवन के सभी क्षेत्रों में यह प्रवृत्ति हमें परेशान करती है। किसी भी क्षेत्र में कोई नाम अगर बड़ा हो गया, किसी ने अपनी ‘ब्रांडिंग’ कर दी तो बाकी लोगों पर ध्यान नहीं जाता, चाहे वह कितने ही प्रतिभाशाली क्यों न हों, कितना भी अच्छा काम क्यों न करते हों। ऐसा ही राजनीति के क्षेत्र में भी होता है।’’
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया का ध्यान कई दशकों तक कुछ ही परिवारों पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित रहा है और इस वजह से नए लोगों की प्रतिभा और उपयोगिता की चर्चा ही नहीं हो पा रही। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसके कारण आपको कई बार कुछ लोग नए लगते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि वे नए नहीं होते। उनकी अपनी एक लंबी तपस्या होती है, अनुभव होता है।’’