संसद की सुरक्षा में उल्लंघन मामले में छठे आरोपी महेश कुमावत को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां कोर्ट ने उसे 7 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस का दावा है कि वह अन्य लोगों के साथ मिलकर देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। इससे पहले घंटों चली पूछताछ के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई। राजस्थान के नागौर जिले का निवासी महेश भी 13 दिसंबर को दिल्ली आया था। वहीं दूसरी तरफ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों को चिट्ठी लिख कहा है कि इस मामले की हाई-लेवल जांच की जाएगी।
पुलिस ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि महेश राजस्थान में जा छिपा था। शुरुआत में गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के मोबाइल फोन जलाने में महेश का हाथ था, ऐसा पूछताछ के दौरान सामने आया है। महेश नीलम के भी लगातार संपर्क में था। नीलम उन दो आरोपियों में से एक थी जिन्हें संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
Parliament Security Breach | Delhi’s Patiala House Court sent the sixth accused Mahesh to 7-day Police custodial remand in connection with the case.
Police claims that he alongwith others wanted to create anarchy in the country so that they can compel the government to meet…
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को पत्र लिखा है। इस पत्र में लिखा है,”घटना की गहन जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है, मैंने एक हाई-लेवल कमेटी का भी गठन किया है जो संसद में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी और रूपरेखा तैयार करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।” संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर सवाल उठाने वाले कई सांसदों पर कार्रवाई हुई और उन्हें निलंबित कर दिया गया था, इस लेटर में स्पीकर ने कहा है कि निलंबन लोकसभा की परंपरा के मुताबिक ही हुआ था।
13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान करीब 1 बजकर 12 मिनट पर यह घटना हुई थी। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा में मौजूद दो लोग नीचे कूद गए थे और एक शख्स के पैर से धुंआ निकल रहा था। बताया जा रहा है कि उसके पैर में स्मोक कैंडर छिपे थे। इस मामले के बाद पूरा देश सकते में था कि इतनी सुरक्षा के बावजूद ऐसा कैसे हो सकता है?