संसद में जो स्मोक अटैक हुआ है, उसे लेकर सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर है। पुलिस ने भी इस मामले की जांच फुल स्पीड से शुरू कर दी है। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कस्टडी भी मिल गई है। जो बातें अब उस साजिश को लेकर सामने आ रही हैं, वो हैरान कर देने वाली हैं। उन खुलासों से पता चलता है कि ये आरोपी काफी शातिर थे और एक फुल प्रूफ प्लान भी बनाकर आए थे।
जानकारी मिल रही है कि 13 दिसंबर को तो सिर्फ संसद में स्मोक अटैक किया गया, लेकिन उसकी तैयारी के लिए इन साजिशकर्ताओं ने पहले संसद के ही कई पुराने वीडियो देखे। उन वीडियो के जरिए ही समझने का प्रयास रहा कि सुरक्षा में कैसे सेंधमारी की जा सकती है। इसके अलावा तीन प्लान पर भी काम किया जा रहा है। शुरुआत में इन आरोपियों का प्लान संसद के अंदर जाने का नहीं था, बल्कि वो तो बाहर ही प्रदर्शन करने वाले थे।
लेकिन तब मुख्य आरोपी ललित ने ही अपने दूसरे साथियों को भड़काया और संसद के अंदर जाने की बात कही। उसका तर्क रहा कि जब तक संसद के अंदर नहीं जाया जाएगा, जो संदेश देना है, वो सही तरीके से डिलीवर नहीं हो सकता। वो हर कीमत पर चाहता था कि मीडिया सिर्फ उनकी खबर दिखाए, उनकी चर्चा हो। बड़ी बात ये है कि सदन के अंदर जो आरोपी गए थे, उनके पास कुल सात स्मोक कैन थे। वो पूरी तैयारी करके आए थे, वो तो समय रहते उनकी गिरफ्तारी हो गई और उनका प्लान फेल हो गया।
पुलिस जांच में पता चला है कि ये सभी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे। आलम ये था कि इन्होंने अपने फेसबुक पेज के जरिए कई युवाओं का ब्रेन वॉश किया था। इसके ऊपर एक दूसरे से जब भी ये बात करते थे, वाट्स ऐप का इस्तेमाल कभी नहीं हुआ। उनकी चैट ट्रेस ना हो जाए, इसलिए हर बार सिग्नल ऐप का इस्तेमाल किया गया। ये सारी जानकारी भी ये आरोपी गूगल से ले रहे थे। पता चला है कि कई बार गूगल पर सर्च किया गया था कि चैट को कैसे सुरक्षित रखते हैं। यानी कि उन्हें अहसास था कि वो पकड़े जा सकते थे, ऐसे में बचने के लिए हर स्तर पर तैयारी की गई थी।
वैसे पुलिस ने तो कोर्ट में ये भी बताया है कि ये सभी आरोपी अराजकता फैलाने और देश में अशांति पैदा करने के लिए ये सब कर रहे थे। पुलिस तो इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इनका किसी आतंकी संगठन से तो कोई कनेक्शन नहीं। वैसे जिस ललित ने शुक्रवार को पुलिस के सामने सरेंडर किया था, उसने चार फोन नष्ट कर दिए थे। वो हर कीमत पर सारे सबूत मिटाना चाहता था। लेकिन पुलिस की जांच से वो डर गया और उसे खुद सामने से आकर अपना गुनाह कुबूल किया।