रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ऑपरेशन गंगा के तहत भारत लाए गए 18,282 भारतीय छात्रों में ज़्यादातर मेडिकल छात्र थे। इन छात्रों की मदद के लिए अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने उनकी पढ़ाई से जुड़ी कुछ खास योजनाएं तैयार की हैं, जिन्हें उनके सालाना शैक्षणिक कार्यक्रम के तहत तय किया जाएगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में लोकसभा को बताया कि जो भारतीय छात्र इस दौरान अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुके हैं और उन्होंने डिग्री पूरा करने का प्रमाण पत्र दे दिया है, उन्हें फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (FMGE) में शामिल होने की अनुमति दे दी गई है।
एक बार जब ये छात्र FMGE में क्वालीफाई कर लेंगे, तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए सक्षम करने के लिए दो साल की अवधि के लिए Compulsory Rotating Medical Internship (CRMI) से गुजरना होगा। इसके अतिरिक्त NMC ने यूक्रेन द्वारा प्रस्तावित Academic Mobility Program यानी विभिन्न देशों (भारत को छोड़कर) के अन्य विश्वविद्यालयों में अस्थायी ट्रान्सफर (युद्ध की अवधि के लिए) पर अनापत्ति (No-objection) व्यक्त की है।
इस छूट के तहत यूक्रेन से लौटने वाले FMGs को अपने बचे चिकित्सा पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए एक बार का अवसर प्राप्त करने की अनुमति है। हालांकि, डिग्री उस विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाएगी जहां वे प्रवास करेंगे। इस छूट की अवधि 22 नवंबर 2023 को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। यह जानकारी सरकार द्वारा लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी गई थी।
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध अभी भी जारी है। हालांकि अब पहले की तरह स्थिति नहीं है। 24 फरवरी 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था। 2 महीने बाद इसे 2 साल हो जाएंगे। इस युद्ध में हजारों सैनिकों की मौत हुई है तो वहीं कई नागरिकों की भी जान गई है।
जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था, उस दौरान भारतीय छात्रों को लेकर चिंताएं बढ़ गई थी। लेकिन तभी भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया और 18,000 से अधिक छात्रों को सुरक्षित रेस्क्यू कर भारत लाया गया था।