दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की सुरक्षा में सेंधमारी करने के मामले में गुरुवार को चार आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने चारों आरोपियों की 7 दिन की हिरासत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को दी। दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश थी और भारत की संसद पर हमला था।
पुलिस के वकीलों ने आगे कहा कि आरोपी ने पर्चा ले रखा था जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को लापता व्यक्ति घोषित किया गया था और कहा गया था कि जो व्यक्ति उन्हें ढूंढेगा उसे स्विस बैंक से पैसा दिया जाएगा। आरोपियों ने पीएम को घोषित अपराधी की तरह दिखाया। बताया जा रहा है पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी लेकिन कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड मंजूर की।
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मुख्य आरोपी ललित झा को बृहस्पतिवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ललित को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, संसद की सुरक्षा में सेंध लगाना योजनाबद्ध तरीके से किया गया काम था और इसे 6 लोगों ने अंजाम दिया था, जिनमें से सभी अब पुलिस हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने कहा कि आरोपियों ने सांसदों को डराने और देश में अशांति पैदा करने के लिए संसद पर हमले की साजिश रची थी।
संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तुरंत बाद दोनों को पकड़ लिया गया। वहीं, पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में हुई है। संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है। ये चारों आरोपी संसद पहुंचने से पहले अपने सहयोगी विशाल के घर पर ठहरे थे। पुलिस ने विशाल को भी गुरुगाम से हिरासत में लिया था।