Parliament Security Breach Live Updates: दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा चूक की घटना के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी दल आज इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करेगा। विपक्षी दलों ने इस घटना की गहन जांच की मांग करने के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह के बयान और संसद की सुरक्षा की समीक्षा का आग्रह किया। संसद पर 2001 को हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए। उन्होंने नारेबाजी की और केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। इस बीच कुछ सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी वक्त दो अन्य आरोपियों अमोल शिंदे और नीलम देवी ने संसद परिसर के बाहर केन से रंगीन धुआं छोड़ा और तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए। पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना छह लोगों ने मिल कर बनाई थी और ये चारों लोग उसी समूह का हिस्सा हैं। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले छह लोग देश के अलग-अलग शहरों से हैं और इन्होंने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत कर इस घटना को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके लिए ये लोग हरियाणा के गुरुग्राम में एक फ्लैट में एकत्र हुए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि मुख्य साजिशकर्ता कोई और है।
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सुरक्षा चूक की घटना पर विपक्षी सांसदों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री से बयान की मांग करने पर केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा, ”विपक्ष का काम है आरोप मढ़ना, वो तिल का ताड़ बनाएंगे। सुरक्षा में चूक दुर्भाग्यपूर्ण है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा है कि सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है, सरकार की नहीं है इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान देने का कोई औचित्य नहीं बनता है।”
संसद में सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “सांसदों की समस्या यह है कि सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है। हमें सर्वोच्च जिम्मेदार स्तर पर सरकार की बात सुननी चाहिए। हम चाहते हैं गृह मंत्री को संसद में आकर बोलना चाहिए।”
राज्यसभा ने ‘अपमानजनक व्यवहार’ के लिए शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया।
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लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद में सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है यानी मेरी है, मैंने जांच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले पर मैंने पहले भी आपसे चर्चा की है और बाद मैं भी चर्चा के लिए तैयार हूं। पर विपक्ष ने अध्यक्ष की अपील नहीं सुनी और हंगामा जारी रहा। हंगामे में विपक्ष से बीजेडी, बसपा, बीआरएस, टीडीपी, वाईएसआरसीपी शामिल नहीं हुई। अध्यक्ष ने हंगामे के बीच कांग्रेस के तीन सांसदों टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस और ई बी ईडन को नाम लेकर चेतावनी दी। अध्यक्ष ने कहा की सदन में आसान के समीप आकर अराजकता ना फैलाएं।
लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित हुई। राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अनुराग ठाकुर मौजूद रहे।
लोकसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “सभी को सुरक्षा चूक की घटना की निंदा करनी चाहिए, सभी सांसदों को सावधानी बरतने की जरूरत है, पास ऐसे व्यक्तियों को न मिले जो अराजकता फैलाएं।”
विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में हंगामा करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है। इस पर जवाब देते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक पर चर्चा की जाएगी।
सुरक्षा चूक पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना की सभी निंदा करें। संसद में हंगामा ठीक नहीं है।
संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में बड़ी कार्रवाही करते हुए लोकसभा सचिवालय के 8 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, सुरक्षा चूक मामले पर संसद में हंगामा जारी है। सरकार के खिलाफ विपक्ष नारे लगा रहा है। वहीं, स्पीकर ने कहा कि घटना को लेकर सब चिंतित हैं, इस मुद्दे पर चर्चा होगी।
बीएसपी सांसद मलूक नागर का कहना है, ”हम चाहते हैं कि लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन पर चर्चा हो और संसद में सुरक्षा बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं लेकिन इस घटना पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने ‘संसद में सुरक्षा की गंभीर चूक’ पर चर्चा के लिए कार्य के निलंबन के लिए प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के नियम 267 के तहत एक नोटिस प्रस्तुत किया है।
संसद सुरक्षा चूक की घटना पर शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “सरकार तो मुंह बंद करके बैठी है। 22 साल पहले इससे भी भयंकर हादसा हुआ था और हमको कहा गया था कि ये नया सदन फुल प्रूफ सिक्योरिटी से लैस है। कल हमने क्या देखा। 2-4 लड़के अंदर घुस गए। महंगाई और बेरोजगारी के बारे में नारे लगाते हुए अंदर चले गए, यह ठीक नहीं है। देश के युवाओं की दिशा बदल रही है, वो निराश हैं। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है लेकिन सरकार सभी राज्यों में शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त है। देश की सुरक्षा से खिलवाड़ हुआ है और यह कोई बर्दाश्त नहीं करेगा।”
13 दिसंबर को सुरक्षा उल्लंघन की घटना के बाद संसद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मकर द्वार से केवल सांसदों को ही संसद भवन में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है और भवन में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के जूते उतरवाकर भी उनकी गहन जांच की जा रही है।
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संसद में सुरक्षा चूक की घटना पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “इतनी बड़ी घटना हो गई और अभी तक प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से कोई बयान नहीं आया है। इस घटना पर गहन चर्चा होनी चाहिए।”
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सदन में मौजूद कई सांसदों के अनुसार एक व्यक्ति आसन के पास जाने की कोशिश में बेंच को पार करने लगा जबकि दूसरा कक्ष में कूदने से पहले दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटकते हुए देखा गया। हनुमान बेनीवाल, मलूक नागर और गुरजीत सिंह औजला सहित अन्य सांसदों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई की। इस घटना के समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा राहुल गांधी और अधीर रंजन चौधरी सहित कई विपक्षी नेता समेत 100 से अधिक सांसद मौजूद थे।