बुधवार को संसद की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद आज विपक्षी दल इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर जवाब देने के लिए दबाव बनाने की कोशिश करेंगे। विपक्षी दल इस घटना को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं।
इस दौरान विपक्षी दल यह विषय भी उठा सकते हैं कि संसद में घुसने वाले दोनों युवकों के लिए पास की व्यवस्था बीजेपी के कर्नाटक से सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा की गई थी। लोकसभा स्पीकर से विपक्षी दलों ने डिमांड की है कि वो गृह मंत्रालय से संसद की सिक्योरिटी को रिव्यू करने के लिए कहें और बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ एक्शन लें।
खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसी चूक क्यों हुई? नए संसद भवन में विजिटर्स के लिए व्यवस्थाएं और सिक्योरिटी चेक नहीं है। सभी सांसद, सिक्योरिटी स्टॉफ और विजिटर बिल्डिंग में एक ही गेट के जरिए जाते हैं। उन्होंने संसद की सुरक्षा में हुई चूक की गहन जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दोनों युवकों को उनका टाइम खत्म होने के बाद भी विजिटर गैलरी में रहने दिया गया।
बुधवार को गृह मंत्री द्वारा इस मसले पर जवाब की मांग न माने जाने पर राज्यसभा में विपक्षी INDIA गठबंधन के सांसदों ने विरोध में वॉक आउट किया। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह सभी दलों के नेता राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में मिलेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे। वह इस मसले पर राष्ट्रपति से मिलने पर भी विचार कर रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम डिमांड करते हैं कि होम मिनिस्टर दोनों सदनों में आकर इस विषय पर जवाब दें। सवाल यह है कि दोनों युवक इतनी सुरक्षा के बीच अंदर कैसे आए और वहां कनस्तर से गैस छोड़ दी।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि साल 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर लोकसभा में दो युवकों का इस तरह घुसना बेहद परेशान करने वाला है। उन्होंने कहा कि गनीमत है कि किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। संसद हमारे देश की सबसे हाई सिक्योरिटी वाली इमारतों में से एक है। इस वजह से इतनी बड़ी सुरक्षा चूक स्वीकार नहीं की जा सकती है। हम गृह मंत्रालय से जवाब मांगते हैं और डिमांड करते हैं कि नए संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा होनी चाहिए।