बुधवार को संसद में हुई सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस हंगामे के बीच दोनों सदनों से कुल 15 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सांसद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सुरक्षा में हुई चूक पर जवाब चाहते हैं। संसद से निलंबित किए गए सांसदों में DMK नेता कनीमोझी भी शामिल हैं। उन्होंने सरकार पर प्रताप सिम्हा को छोड़ने और महुआ मोइत्रा से इन्क्वायरी पूरी हुए बिना ही सदस्यता छिनने का आरोप लगया।
उन्होंने ANI से बातचीत में कहा कि वहां एक सांसद है जो इन लोगों को अंदर आने के लिए पास उपलब्ध करवाता है। उस सांसद के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है जबकि हमने देखा कि महुआ मोइत्रा के केस में क्या हुआ। इन्क्वायरी पूरी हुए बिना ही उनसे संसद की सदस्यता छीन ली गई। उन्होंने कहा कि विपक्ष चाहता है कि इस मसले पर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह संसद में बोलें। क्या यह लोकतंत्र है?
नीतीश कुमार की पार्टी के सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि सांसदों को निलंबित करके सरकार अपना फेलियर छिपाना चाहती है और विपक्ष को डराना चाहती है। उन्होंने ANI से कहा कि आपने उनके बर्ताव का तरीका देखा होगा। अगर कल संसद में एंट्री करने वाले दो शख्स मुस्लिम होते या किसी कांग्रेस सांसद ने पास जारी किया होता…
कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार अगर विपक्ष नहीं चाहती है तो उसे पूरे विपक्ष को सस्पेंड कर देना चाहिए। उन्होंने ANI से कहा कि अगर वो विपक्ष नहीं चाहते हैं तो उन्हें हर एक को सस्पेंड कर देना चाहिए क्योंकि वो नहीं चाहते कि उनसे सवाल पूछे जाएं। हम कह रहे हैं कि गृह मंत्री आए और स्थिति पर जवाब दें, लोगों से कहें कि हम सभी सुरक्षित हैं और जिस सासंद ने पास जारी किए थे उनके खिलाफ एक्शन होगा।
कांग्रेस के एक अन्य सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए क्योंकि हम प्रदर्शन कर रहे हैं और डिमांड कर रहे हैं, हमारे 15 सांसद शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिए जाते हैं। हम चाहते हैं कि पीएम या एचएम कल की घटना को लेकर बयान दें और बताएं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।