नई संसद बुधवार की घटना के बाद एकबार फिर से सुर्खियों में है। सुरक्षा में हुई चूक के बाद पार्लियामेंट की सिक्योरिटी के लिए जिम्मेदार एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं। लोकसभा सचिवालय ने यह स्पष्ट किया है कि संसद की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस और CRPF दोनों ही जिम्मेदार हैं।
नई संसद के उद्घाटन के बाद से ही कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि लगातार बदलते सिक्योरिटी रूल्स और पर्याप्त कर्मचारियों की कमी की वजह से संसद के सिक्योरिटी स्टॉफ पर ज्यादा दबाव है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से ही कई सासंदों को नई इमारत के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार मंत्रियों को अपना ही कमरा खोजने में संघर्ष करते देखा जा सकता है। कई बार सांसदों को कैंटीन, रेस्टरूप और लाइब्रेरी खोजते भी देखा गया है।
कई बार ऐसे भी मौके आए हैं जब सिक्योरिटी स्टऑफ सांसदों को पहचान नहीं पाया है। मंगलवार को ही, एक सांसद को संसद के एंट्री गेट पर इसलिए रोक दिया गया क्योंकि सिक्योरिटी स्टॉफ उन्हें पहचान नहीं पाया।