संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो शख्स दर्शकदीर्घा से कूद गए। इस दौरान वहां बैठे सांसद डर गए और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस घटना पर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, “जो भी लोग यहां आते हैं चाहे वे आगंतुक हों या पत्रकार, वे टैग नहीं रखते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है। लोकसभा के अंदर कुछ भी हो सकता था।”
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, “अचानक करीब 20 साल के दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़े और उनके हाथ में स्मोक कैंडल थे। इनसे पीला धुआं निकल रहा था। उनमें से एक अध्यक्ष की कुर्सी की ओर भागने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कुछ नारे लगाए। धुआं जहरीला हो सकता था। यह सुरक्षा का गंभीर मामला है खासकर 13 दिसंबर को क्योंकि 2001 में इसी दिन संसद पर हमला हुआ था।”
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन में हंगामे की घटना पर कहा, “दो युवक गैलरी से कूद गए और उनके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी। उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला। सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। यह निश्चित रूप से एक सिक्योरिटी लैप्स है।”
शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने संसद में हुई सुरक्षा चूक पर कहा, “कोई घायल नहीं हुआ है। जब वे नीचे कूदे तो पीछे की बेंचें खाली थीं इसलिए वे पकड़े गए। सदन में दो मंत्री थे।” वहीं इस पूरी घटना पर टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, “यह एक भयानक अनुभव था। कोई भी अनुमान नहीं लगा सका कि उनका लक्ष्य क्या था और वे ऐसा क्यों कर रहे थे? हम सभी तुरंत सदन से बाहर चले गए, लेकिन यह एक सुरक्षा चूक थी। वे धुआं छोड़ने वाले उपकरणों के साथ कैसे प्रवेश कर गए?”
इस घटना पर दिल्ली पुलिस का भी बयान सामने आया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि परिवहन भवन के सामने से दो प्रदर्शनकारियों (एक पुरुष और एक महिला) को हिरासत में लिया है। पुलिस के एक सूत्र ने कहा, “घटना की जांच की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ सुरक्षा चूक और पास किसने दी, इससे संबंधित है। पता लगाया जा रहा है कि अंदर कूदने वालों से कोई संबंध है या नहीं। मल्टी एजेंसी भी पूछताछ कर सकती है।”