मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव की ताजपोशी कर दी गई है। बीजेपी हाईकमान ने बड़ा सरप्राइज देते हुए मोहन यादव पर अपना दांव चला है। वे पिछड़े समाज के एक बड़े नेता हैं और उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। उनका सीएम बनाना मायने रखता है क्योंकि उन्होंने जमीन से उठकर अपना करियर बनाया है। वे किसी राजनीतिक परिवार से नहीं आते हैं, बल्कि छोटे कार्यकर्ता से अपना सफर शुरू करने के बाद अब सीएम पद तक पहुंच गए हैं।
साल 2013 में मोहन यादव सबसे पहले उज्जैन दक्षिण से विधायक बने थे। वे लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं, इस बार तो उन्होंने अपने कांग्रेस प्रत्याशी को 12941 मतों से हरा दिया था। अगर उनके सियासी सफर की बात करें तो उन्होंने सबसे साल 1982 में ही राजनीति में कदम रख दिया था। तब वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह सचिव नियुक्त किए गए थे। इसके दो साल बाद ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन का नगर मंत्री बना दिए गए थे। 1988 तक तो एबीवीपी में उनकी पकड़ काफी मजबूत हो चली थी और वे सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन चुके थे।