लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी जम्मू-कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन विधेयक पारित हो गए हैं। इन दोनों ही विधेयकों के पारित होने जाने से जम्मू-कश्मीर में काफी कुछ बदल जाएगा। इन विधेयकों पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी विस्तार से सबकुछ बताया और कई मौकों पर कांग्रेस पर निशाना साधने का काम भी किया।
जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 असल में एक अमेंडमेंट है जो जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में किया गया है। इस विधेयक के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जानजाति और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की बात हुई है। एक बड़ा बदलाव ये भी कर दिया गया है कि अब कानून में कहीं भी कमजोर और वंचित वर्ग नहीं लिखा जाएगा। इसकी जगह अन्य पिछड़ा वर्ग शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा।
दूसरे विधेयक की बात करें तो वो जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को संशोधित कर लेकर आया गया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर में पुनर्गठन का प्रावधान कर दिया गया है। इसके तहत अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा में सीटों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी गई हैं। वहीं अनुसूचित के लिए सात तो अनुसूचित जनजाति के लिए 9 सीटें आरक्षित रहने वाली हैं। इसी वजह से विधानसभा में सीटों की कुल संख्या बढ़कर 119 हो जाएगी। इसमें पीओके की 24 सीटें भी शामिल की गई हैं।
बड़ी बात ये है कि अब कश्मीरी पंडित के लिए भी दो सीटें आरक्षित रहने वाली हैं, इसमें एक महिला प्रत्याशी को रखना भी अनिवार्य रहेगा।