2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को मायावती द्वारा सभी नेताओं की एक अहम बैठक भी बुलाई गई है। लेकिन उस बैठक से पहले ही पार्टी के अंदर एक बड़े सफाई अभियान को भी अंजाम दिया गया है। इस सफाई में सबसे पहले अमरोहा से बसपा सांसद दानिश अली का पत्ता साफ हो गया है। उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। अब सस्पेंड होने के कई कारण हैं, कुछ पार्टी खुलकर बता रही है तो कुछ सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बहुजन समाज पार्टी में कोई भी आधिकारिक प्रवक्ता नहीं दिखता है। यहां पर बसपा प्रमुख मायावती ही हर बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने विचार रखती हैं। लेकिन दानिश अली दूसरे नेताओं से जुदा थे, वे लगातार मीडिया के सामने बयान दे रहे थे, बयान भी ऐसे जो कई मौकों पर पार्टी स्टैंड के खिलाफ जा रहे थे। इसी वजह से पहले उन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता भी बनाया गया था। लेकिन उनके लगातार बयान देने की बीमारी ने उनसे ये पद भी छीन लिया था।
ये बात सभी को पता है कि मायावती अगर बीजेपी से दूरी बनाकर चलती हैं तो कांग्रेस भी उन्हें रास नहीं आती है। इसी वजह से उन्होंने इंडिया गठबंधन में भी शामिल होने से मना कर दिया था। वे तो अकेले ही लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही हैं। लेकिन इस बीच एक समय ऐसा आया था जब दानिश अली अचानक से पटना पहुंच गए और उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की। उस समय माना गया कि मायावती को इंडिया गठबंधन में शामिल करने के लिए कहा गया। ये बात भी बसपा प्रमुख को रास नहीं आई थी क्योंकि पार्टी स्टैंड के खिलाफ जाकर अलग कवायद की जा रही थीं।
अब एक तरफ अगर दानिश अली, सीएम नीतीश से मुलाकात कर रहे थे तो उन्होंने दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात की। उनकी उन्हीं मुलाकातों ने बसपा को सोचने पर मजबूर कर दिया कि दानिश उनकी पार्टी के नेता हैं या फिर कांग्रेस के? बड़ी बात ये है कि इस समय चर्चा भी ये चल रही है कि दानिश जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।