टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के ‘कैश फार क्वेरी’ मामले में संसदीय एथिक्स कमेटी शुक्रवार को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। कमेटी संसद से उनके निष्कासन के लिए भी अपना सुझाव देगी। ऐसा माना जा रहा है विपक्ष रिपोर्ट को लेकर मत विभाजन (Division of Votes) की भी मांग कर सकता है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट लोकसभा एथिक्स कमेटी की सदस्य और भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता सारंगी पेश करेंगी। लोकसभा के एजेंडे में यह रिपोर्ट पहले चार दिसंबर की लिस्ट में था, लेकिन इसे पेश नहीं किया गया। पिछले हफ्ते सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में टीएमसी नेताओं ने मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने का कोई भी निर्णय लेने से पहले रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की। इस बीच रिपोर्ट के पटल पर रखे जाने से सदन में हंगामा होने की संभावना है।
इस बीच बीएसपी सांसद दानिश अली ने कहा है कि अगर रिपोर्ट पेश की जाती है, तो वह पूर्ण चर्चा पर जोर देंगे, क्योंकि मसौदा ढाई मिनट में अपनाया गया था।
इससे पहले एथिक्स कमेटी के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में अपना वोट दिया, विपक्ष के चार सदस्यों ने इस पर असहमति जताते हुए विरोध में वोट दिया। उन्होंने उसे “फिक्स्ड मैच” कहा।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई ने सीबीआई में शिकायत करके टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का गंभीर आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मामले की जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि वकील जय अनंत देहाद्रई ने यह आरोप लगाया है कि महुआ मोइत्रा ने अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए संसद की अपनी लॉग-इन आईडी उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी दे दिया था।
महुआ मोइत्रा ने सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के आरोपों से इनकार किया, हालांकि उन्होंने उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉग-इन आईडी देने की बात स्वीकार की।