कविता जोशी
अलग-अलग विधाओं से जुड़े कलाकारों को अब अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पहली बार इसके लिए देश के प्रमुख शहरों में ‘कला जिलों’ यानी सांस्कृतिक जगहों (आर्ट डिस्ट्रिक्स) का निर्माण करने का एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह जिले एक ऐसी अलग और अनोखी जगह पर बनाए जाएंगे जहां साल के बारहों महीने कलाकारों की प्रदर्शनियों से लेकर अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बड़े पैमाने पर आयोजन किया जाएगा।
आंकड़ों के हिसाब से दुनिया में अभी कुल 280 बिनाले (सांस्कृतिक कार्यक्रम) हो रहे हैं। भारतीय कलाकार भी इनमें भाग ले रहे हैं। लेकिन जब देश में ही ऐसी जगहें विकसित हो जाएंगी तब देश के अलावा विश्वभर के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए भारत का रुख करेंगे। इससे सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का विकास होगा। जिसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 3.1 फीसद भागीदारी है। इससे 6.23 फीसद रोजगार 15 से 30 साल के युवाओं को मिलेगा।
अधिकारी के मुताबिक, यह पूरी कवायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2020 में देश के अलग-अलग भागों में सांस्कृतिक जगहों को तैयार करने की घोषणा के अनुपालन के तहत की जा रही है। जिसमें उन्होंने कोलकाता की करंसी बिल्डिंग से कहा था कि भारत के कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से एक संस्थागत तंत्र बनाकर निर्धारित जगह का निर्माण किया जाना बेहद जरूरी है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह सुझाव भी दिया था कि पुरातात्विक स्थलों का भी सांस्कृतिक जगहों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। कोरोना काल की वजह से यह प्रधानमंत्री द्वारा निर्देशित यह परियोजना आगे नहीं बढ़ सकी थी। लेकिन अब हालात सामान्य होने के बाद इसे तेजी से क्रियान्वित किया जा रहा है।
संस्कृति मंत्रालय की टीम ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, वाराणसी और अहमदाबाद जैसे पांच शहरों का बीते समय में दौरा किया और वहां उच्च स्तरीय बैठकें की। इसके बाद कला जिलों के निर्माण को लेकर पांच समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। दिल्ली में कला जिले के रूप में लाल किले का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा कोलकाता में करंसी बिल्डिंग, वाराणसी में नमो समेत अन्य घाट और महाराष्ट्र में गेटवे आफ इंडिया शामिल है।वहीं, महाराष्ट्र के खारघर में कला जिला विकसित करने के लिए संस्कृति मंत्रालय की महाराष्ट्र सरकार से बातचीत जारी है।